- खबर हटके

पुलिस को सुधारने से पहले खुद को सुधारिए

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कुछ लोग बड़ी शान से ऐसे वीडियो शेयर कर रहे हैं जिसमे पब्लिक सड़क पे खड़ी ट्रैफिक पुलिस से उलझ रही है,
मारपीट कर रही है, चप्पलों से पीट रही है, सिर फोड़ रही है…
भैया, इस मुगालते में मत रहना…और ऐसे वीडियो देख के आप ज़्यादा जोश में मत आ जाना…
यह वीडियो सिर्फ दो मिनट की कहानी बयाँ करते हैं…
उसके बाद क्या क्या हुआ ये नही बताते…
पुलिस से फिजिकली कभी मत उलझो…
कानूनी लड़ाई बेशक लड़ लो…पर ड्यूटीरत पुलिस वाले से कभी मत उलझो… पुलिस उनसे मारपीट करने वालों का वो हाल बना देती है कि उनकी और पड़ोसी की भी सात पुश्तें याद रखें…
भैया जी, पुलिस हमारे समाज की सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम है…
बेशक उसमे सुधार की अभी भी बहुत ज़्यादा गुंजाइश है…
पर उसमें जो कमियाँ है वो सिर्फ उसमें नही बल्कि हमारे पूरे समाज में हैं…
*जैसा समाज वैसी पुलिस,*
पर इतना याद रखें कि आज इस देश में अगर हम रात में सुख की नींद सोते हैं, अगर हमारा जान-माल, हमारी माँ, बहन, बेटियाँ सुरक्षित हैं तो इसी पुलिस की बदौलत…
ऐसे वीडियो पोस्ट करने वाले लोग समाज में अन्य लोगों को पुलिस एवं व्यवस्था के खिलाफ विद्रोह करने के लिए उकसा रहे हैं…ऐसे वीडियो शेयर करने का उद्देश्य आपको *भड़काना* है ताकि आप भी ऐसे ही पुलिस से उलझ जाइये…यही माओवाद विचारधारा है.. व्यवस्था के खिलाफ लोगों को भड़का के उन्हें पुलिस एवं प्रशासन से लड़ने भिड़ने सशस्त्र विद्रोह के लिए प्रेरित करना…
पुलिस के खिलाफ कुछ भी करने सोचने से पहले अकबरुद्दीन ओवैसी का वो भाषण याद करना चाहिए जिसमें वो कहता है कि सिर्फ 15 मिनट के लिए पुलिस हटा लो…
आप बस इतने भर से समझ जाइये की देश मे पुलिस का क्या महत्व है…
अगर ये न रही तो क्या होगा ?
इसलिए मुहिम चलानी है तो भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये चलाइये न कि उनसे मार पीट करने के लिए…अभियान चलाइये खूब वीडियो बनाएं लेकिन पुलिस के साथ कहीं पर भी कभी भी अभद्रता या मारपीट ना करें.. और ना ही ऐसे लोगों को बढ़ावा देवें..खुद को सुधार लीजिये, पुलिस खुद ब खुद सुधर जाएगी…ये याद रखिये कि ये पुलिस और ये पूरा समाज आपका ही प्रतिबिम्ब है…
जैसे आप, वैसा आपका समाज, वैसी ही आपकी व्यवस्था, आपकी सरकार, आपका जन प्रतिनिधि , आपकी पुलिस…
पुलिस को सुधारने से पहले खुद को सुधारिए ।