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वीडी शर्मा ने उज्जैन उत्तर से पारस जैन को नकारा

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विधायक श्री जैन ने जगदीश अग्रवाल का नाम आगे बढ़ाया, अनिल जैन कालूहेड़ा, सुरेंद्र सांखला, सोनू गेहलोत, राजेंद्र भारती अपने अपने राजनीतिक आकाओ के माध्यम से उम्मीदवार बनने को आतुर

लवनीश अग्रवाल

उज्जैन/ मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावी समर में उज्जैन उत्तर से विधायक पारस जैन अपनी दावेदारी को लेकर जिद पर अड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी श्री जैन को उम्मीदवार बनाने के लिए प्रयासरत नजर आ रहे हैं लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के द्वारा उज्जैन उत्तर से पारस जैन को नकार देने से अभी तक इस सीट से किसी की भी उम्मीदवारी स्पष्ट नहीं हो पा रही है। राजनीतिक सूत्रों की माने तो विधायक श्री जैन ने अपने विरोध को देखते हुए विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल के नाम पर सहमति दी है वही सिंधिया गुट की ओर से पूर्व विधायक राजेंद्र भारती की दावेदारी रखी गई है। भाजपा के पूर्व नगर जिला अध्यक्ष और प्रदेश सह कोषाध्यक्ष अनिल जैन कालूहेड़ा बी इस सीट से भाग्य आजमाने के लिए आतुर नजर आ रहे हैं। वैसे इस सीट पर पूर्व निगम सभापति सोनू गहलोत भी अपनी दावेदारी को सशक्त किए हुए हैं। भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के दो बार प्रदेश अध्यक्ष रहे सुरेंद्र सांखला भी अपने राजनीतिक आकाओ के माध्यम से दावेदारी रखे हुए हैं। अब देखना यह है कि उज्जैन उत्तर से भारतीय जनता पार्टी किसको अवसर प्रदान करती है।

मध्य प्रदेश चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के द्वारा एक-एक उम्मीदवार पर गहन विचार विमर्श कर प्रत्याशी घोषित किया जा रहा है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के पहले ही भाजपा की ओर से प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से प्रत्याशियों की घोषणा की जाकर उन्हें अपने क्षेत्र में कार्य करने की हरी झंडी दे दी गई थी। वही उज्जैन उत्तर विधानसभा का 7 बार से प्रतिनिधित्व कर रहे विधायक पारस जैन के द्वारा वृद्धावस्था के बावजूद इस बार भी अपनी दावेदारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के माध्यम से रखी गई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के द्वारा श्री जैन के नाम को नकार दिए जाने से अभी तक इस विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित नहीं हो पाया है। भाजपा से जुड़े हमारे सूत्रों के मुताबिक श्री जैन अपने विरोध को ध्यान में रखते हुए अपने राजनीतिक सलाहकार विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल को प्रत्याशी बनाए जाने की सहमति दी है।

वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश सह कोषाध्यक्ष अनिल जैन कालूहेड़ा बी सशक्त दावेदार के रूप में भाग्य आजमाने के लिए आतुर नजर आ रहे हैं।

वैसे नगर निगम के पूर्व सभापति सोनू गहलोत के द्वारा भी अपनी दावेदारी को रखा गया है किंतु ऊपर राजनीतिक आका न होने से उनकी दावेदारी कमजोर मानी जा रही है किसी समय में थावरचंद गहलोत के नजदीकी रहे सोनू गहलोत के द्वारा पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यपाल थावरचंद गहलोत का पुतला दहन किए जाने से उनकी दावेदारी कमजोर हो गई है। पिछले कई चुनाव से भाजपा की पैनल में शामिल सुरेंद्र सांखला को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 18 वर्ष के कार्यकाल में किसी भी प्रकार के पद पर कार्य करने का अवसर नहीं दिया गया लेकिन इस बार में अपने राजनीतिक संबंधों के आधार पर सशक्त दावेदार के रूप में दावेदारी रखे हुए हैं। अब देखना यह है कि उज्जैन उत्तर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा किस प्रत्याशी को अवसर प्रदान करती है। वैसे कांग्रेस की ओर से पार्षद माया राजेश त्रिवेदी को प्रत्याशी बनाया गया है। वही विवेक यादव उर्फ विक्की टिकट वितरण से नाराज दिखाई दे रहे हैं और उनके बगावती तेवर भी देखने को मिल रहे हैं।
भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस बार शीर्ष नेतृत्व के द्वारा उज्जैन उत्तर विधानसभा को जैन समाज के प्रभाव से मुक्त किया जा रहा है। यह विदित रहे की इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की ओर से अब तक जैन प्रत्याशियों पर भरोसा जताया गया था जिसमें प्रकाश चंद्र सेठी, डॉ राजेंद्र जैन, प्रकाश बोहरा बाबूलाल जैन और पारस जैन लगातार इस सीट से अपना भाग्य आजमा कर विधायक बनते रहे।
वैसे उज्जैन उत्तर विधानसभा सीट को लेकर विधायक पारस जैन और सोनू गहलोत के समर्थकों के द्वारा सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर दावेदारी को लेकर युद्ध देखने को मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर सुरेंद्र सांखला भाजपा की अधिकृत सूची का इंतजार कर रहे हैं। बताते हैं कि भाजपा की पैनल में पारस जैन सोनू गहलोत और सुरेंद्र सांखला के नाम हाई कमान तक पहुंचे हैं अब अधिकृत सूची में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व किस पर भरोसा करता है और किस अवसर देता है यह अधिकृत सूची जारी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।