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उज्जैन दक्षिण से गोविंद खंडेलवाल हो सकते हैं कांग्रेस के उम्मीदवार

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लवनीश अग्रवाल

उज्जैन/ चुनावी समर में उज्जैन आलोट संसदीय सीट की आठ विधानसभाओं मै कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। भाजपा ने जहां उज्जैन उत्तर विधानसभा के लिए प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने दक्षिण विधानसभा और बड़नगर विधानसभा के प्रत्याशी पहली सूची में घोषित नहीं की है। जिसकी वजह से चुनावी रंगत में कशमकश का माहौल देखने को मिल रहा है। दावेदार अपने राजनीतिक आकाओ के माध्यम से प्रत्याशी बनने के लिए मैदान में डटे हुए हैं। उज्जैन दक्षिण से कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह खेमे से राजेंद्र वशिष्ठ अजीत सिंह और गोविंद खंडेलवाल के नाम सामने आए थे वहीं दूसरी ओर पूर्व विधायक दो बटुक शंकर जोशी अपने राजनीतिक आका कमलनाथ के माध्यम से चेतन यादव को प्रत्याशी घोषित करवाने के लिए प्रयासरत देखे गए हैं। भोपाल से जुड़े हमारे राजनीतिक सूत्रों से मिली जानकारी पर अगर यकीन किया जाए तो विधायक का चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोक रहे राजेंद्र वशिष्ठ ने अपनी दावेदारी वापस ले ली है और अपना समर्थन गोविंद खंडेलवाल को दिया है जिसके परिणाम स्वरूप दिग्गी राजा पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से गोविंद खंडेलवाल के नाम पर सहमति बनवाने का प्रयास किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस की दूसरी सूची में उज्जैन दक्षिण विधानसभा से गोविंद खंडेलवाल प्रत्याशी घोषित किए जा सकते हैं उनका रास्ता लगभग साफ हो चुका है। इसके पीछे भी राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस के मुखिया कमलनाथ जी के कोटे से उज्जैन उत्तर विधानसभा से पार्षद माया राजेश त्रिवेदी को को मौका दिया गया है ऐसे में दक्षिण से भी कमलनाथ के खेमे से प्रत्याशी घोषित होना पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मात देने जैसा है। इधर भाजपा के द्वारा उज्जैन उत्तर से विधायक पारस जैन को इस बार अवसर नहीं देने पर विचार विमर्श जारी है भाजपा उज्जैन उत्तर विधानसभा सीट से नए नाम पर विचार कर रही है और वह नाम चर्चाओं में चल रहे नाम से हटकर सामने आने की बात राजनीतिक विश्लेषक कर रहे हैं। भाजपा के सूत्रों की बातों पर यकीन किया जाए तो जिन लोगों के द्वारा उज्जैन उत्तर विधानसभा से दावेदारी की गई है और जमिनी सतह पर 1 वर्ष से सतत जनता के बीच में बने रहने के बावजूद टुडे अवसर मिलने की संभावना ना के बराबर है उज्जैन उत्तर से भाजपा की ओर से नए नाम पर विचार किया जा रहा है जो की चौंकाने वाला होगा। बड़नगर विधानसभा से कांग्रेस की ओर से विधायक मुरली मोरवाल का टिकट लगभग काट दिया गया है और अन्य दावेदारों पर विचार कर उन्हें मौका दिया जाना है।