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गणित को जानने के लिए ज्योतिष के मूल ग्रंथों का अध्ययन आवश्यक है-प्रो.मेनन

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उज्जैन/महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन में ज्योतिष विभाग द्वारा श्रीनिवास रामानुजन अयंगर की जयंती के उपलक्ष्य में विशिष्ट व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। सरस्वती पूजन वैदिक मंगलाचरण के उपरांत मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित संस्कृत महाविद्यालय उज्जैन के ज्योतिष विभाग के सहायकाचार्य डॉ.यश शर्मा ने कहा कि श्रीरामानुजन गणित के क्षेत्र में कार्य करने वाले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने 3000 से अधिक गणित की समस्याओं को सुलझाया जिन पर आज भी अनेकों शोध किये जा रहे हैं। अपने व्याख्यान में उन्होंने छात्रों को अपने लक्ष्य में निरन्तरता बनाये रखने के लिए प्रेरित किया।अध्यक्षता कर रहे माननीय कुलपति प्रो.विजयकुमार सी.जी. ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र का मूल आधार गणना है। गणित विधा को जानने के लिए ज्योतिष के मूल ग्रंथों का अध्ययन आवश्यक है। उन्होंने बताया कि हमारे ऋषि भी एक वैज्ञानिक की भूमिका में कार्य करते रहे हैं। जिन्होंने अनेकों गणितीय सूत्र समाज को प्रदान किये हैं। साथ ही उन्होंने गणितीय विधा को शोधपरक बनाने के लिए उसके अध्ययन हेतु छात्रों को प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को श्रीनिवास रामानुजन के जीवन पर आधारित चलचित्र का प्रदर्शन भी किया गया।
प्रस्तावकीय एवं अतिथियों का स्वागत ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. उपेंद्र भार्गव ने संचालन श्री अविनाश मिश्र तथा धन्यवाद श्री अभिषेक गौतम ने किया। कार्यक्रम में सभी विभागाध्यक्ष प्राध्यापक, कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।