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कांग्रेस की राजनीति के चलते पुत्र मोह में प्रेमचंद गुड्डू ने किया बेटी को दरकिनार

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रीना बोरासी के कांग्रेस से प्रत्याशी बनने पर बाप बेटी में छिड़ी जंग, कांग्रेस से फिर करेंगे बगावत? आलोट से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी अपने खास समर्थक मनोज चावला के खिलाफ लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव ?

                      राजकुमार अग्रवाल

मध्य प्रदेश/ एक समय जब पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू की अनुशंसा पर उनके समर्थकों को चुनाव में अवसर मिलते थे लेकिन आज कद्दावर नेता गुड्डू भैया अपनी खुद की टिकट के लिए कांग्रेस में संघर्ष करते नजर आए, अब वह उज्जैन आलोट संसदीय क्षेत्र की आलोट विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में किला लडाने को आतुर नजर आ रहे हैं। जिसके चलते अपने ही समर्थक रहे विधायक मनोज चावला का भी राजनीतिक भविष्य खराब करने का ताना-बाना बुन चुके हैं।इनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते अपनी पुत्री रीना बोरासी जो कि कांग्रेस के द्वारा सांवेर विधानसभा क्षेत्र से अधिकृत प्रत्याशी घोषित हो चुकी है के भी राजनीतिक भविष्य में ग्रहण का काम करते हुए स्पष्ट नजर आ रहे हैं। प्रेमचंद गुड्डू के अत्यधिक महत्वकांक्षी होने से उनके अपने समर्थक अब दूरी बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
कद्दावर कांग्रेस नेता प्रेमचंद गुड्डू सांसद और विधायक बनने के बाद भी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को तृप्त नहीं कर पाए। उनकी चुनावी महत्वाकांक्षा उन्हें अपने परिवार और समर्थकों से दूर करती नजर आ रही है। किसी समय कांग्रेस में गहरी पेठ रखने वाले गुड्डू वर्ष 2018 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में अपने पुत्र अजीत बोरासी के साथ शामिल हुए और अजीत को घटिया विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का अधिकृत प्रत्याशी बनवाकर किला लड़वाया मगर करारी हार का स्वाद चखने के बाद गुड्डू भैया का भाजपा से मोह भंग हो गया और वह एक बार फिर अथक प्रयासों से कांग्रेस में शामिल हो गए। वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव में प्रेमचंद गुड्डू ने आलोट विधानसभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी कांग्रेस आलाकमान के सामने रखी वही गुड्डू भैया की विवाहित पुत्री रीना सेठिया के द्वारा सांवेर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट मांगा गया। कांग्रेस आलाकमान की ओर से रीना (सेठिया) बोरासी को सांवेर विधानसभा से अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया गया और प्रेमचंद गुड्डू की दावेदारी को नकारते हुए विधायक मनोज चावला को एक बार फिर प्रत्याशी घोषित किया गया। कांग्रेस की सूची में अपनी पुत्री रीना और समर्थक रहे मनोज चावला का नाम देखकर उम्र दराज हो चुके प्रेमचंद गुड्डू अपना आपा खो बैठे और पहले पुत्री पर शिकंजा कसने के प्रयास किया उसे अपनी जायदाद से बेदखल का भय दिखाया। लेकिन रीना (सेठिया) बोरासी के द्वारा अपने बलबूते पर कांग्रेस का प्रत्याशी बनने की बात कह कर प्रेमचंद गुड्डू को दरकिनार कर दिया गया तो वह भड़क गए। सांवेर विधानसभा क्षेत्र में प्रेमचंद गुड्डू जाना पहचाना नाम है लेकिन उक्त घटनाक्रम के कारण उनके द्वारा अपनी पुत्री को सहयोग न किए जाने से कांग्रेस की मजबूत स्थिति अब लचर नजर आ रही है। सूत्र बताते हैं कि गुड्डू भैया अपने पुत्र अजीत बोरासी के राजनीतिक भविष्य के चलते पुत्री को दरकिनार कर रहे हैं। इतना ही नहीं उनके द्वारा अपने खुद के इंदौर में स्थित कॉलेज जिसमें की रीना भी डायरेक्ट है को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए ताना-बाना बून लिया गया है।
बताते हैं कि प्रेमचंद गुड्डू आलोट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के बैनर तले चुनाव लड़ने का मन बनाकर पिछले 6 माह से अपने वेतनिक समर्थकों के साथ सक्रिय थे और चुनाव की सारी तैयारी में लगे हुए थे। उन्होंने कांग्रेस आलाकमान के सामने अपनी दावेदारी भी दमखम के साथ रखी थी लेकिन कांग्रेस पार्टी ने रीना को सांवेर और आलोट से विधायक मनोज चावला को ही एक बार फिर मौका देकर प्रेमचंद गुड्डू की राजनीतिक बिछात को ध्वस्त कर दिया जिससे प्रेमचंद गुड्डू की ओर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भाग्य आजमाने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों की माने तो प्रेमचंद गुड्डू के द्वारा आलोट विधानसभा क्षेत्र में सतत कार्यक्रम कर कांग्रेस को अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया जा रहा है।

विधायक चावला हे परेशान

प्रेमचंद गुड्डू और कांग्रेस संगठन के बीच चल रही खींचतान के चलते आलोट के प्रत्याशी विधायक मनोज चावला परेशान है। बताते हैं कि श्री चावला ने अपने राजनीतिक आका रहे प्रेमचंद गुड्डू से इस मामले को लेकर चर्चा की और उन्हें निर्दलीय चुनाव ना लड़ने के लिए मनाने का प्रयास भी किया लेकिन राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते गुड्डू भैया के द्वारा विधायक चावला को स्पष्ट कर दिया गया है कि वह कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।

कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाराज हे गुड्डू

कद्दावर नेता रहे प्रेमचंद गुड्डू की नाराजगी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से बनी हुई है। बताते हैं कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने और फिर भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के लिए प्रेमचंद गुड्डू की ओर से कांग्रेस संगठन को नजराना पेश किया गया था। जिसके एवज में पिता पुत्र में से किसी एक को आलोट विधानसभा से प्रत्याशी बनाए जाने की मंशा जाहिर की गई थी। तब उन्हें ऐसा आश्वासन भी दिया गया था लेकिन इसी बीच पुत्री रीना (सेठिया) बोरासी के द्वारा सांवेर विधानसभा से दावेदारी प्रस्तुत की गई तब कांग्रेस की ओर से रीना को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया तो वह अपना आपा खो बैठे हैं और पुत्री रीना और समर्थक रहे विधायक मनोज से संबंधों को दरकिनार कर दिया।