- Uncategorized

सूर्य देव के सुझाव पर भगवान करते हैं हृदय में निवास

Spread the love

धर्म और संस्कृति की
अनुकरणीय भेंट
????????????????????????????

दोस्तों ,

???? आप ,में , हम सब मन्दिर मस्जिद
गुरुद्वारे , चर्च आदि सभी जगह ईश्वर
के दर्शन खोंजने जाते हैं हर तलाश
पूरी कर ली । पर मन आज भी बैचेन
हैं । कंहा हैं ईश्वर कभी हमने अपने
आप को तलाश नही किया । आओ
इसे समझे ।

????एक बार भगवान दुविधा में पड़ गए।
लोगों की बढ़ती
साधना वृत्ति से वह प्रसन्न तो थे पर
इससे उन्हें
व्यावहारिक मुश्किलें आ रही थीं। कोई
भी मनुष्य जब
मुसीबत में पड़ता, तो भगवान के पास
भागा-भागा
आता और उन्हें अपनी परेशानियां
बताता। उनसे कुछ न
कुछ मांगने लगता। भगवान इससे दुखी हो
गए थे।
????अंतत: उन्होंने इस समस्या के निराकरण के
लिए देवताओं
की बैठक बुलाई और बोले- “देवताओं, मैं
मनुष्य की
रचना करके कष्ट में पड़ गया हूं। कोई न
कोई मनुष्य हर
समय शिकायत ही करता रहता है, जिससे
न तो मैं
कहीं शांति पूर्वक रह सकता हूं, न ही
तपस्या कर
सकता हूं। आप लोग मुझे कृपया ऐसा स्थान
बताएं जहां
मनुष्य नाम का प्राणी कदापि न पहुंच
सके।“ प्रभू के
विचारों का आदर करते हुए देवताओं ने
अपने-अपने
विचार प्रकट किए।
गणेश जी बोले- “आप हिमालय पर्वत की
चोटी पर
चले जाएं।“ भगवान ने कहा- “यह स्थान
तो मनुष्य की
पहुंच में है। उसे वहां पहुंचने में अधिक समय
नहीं लगेगा।“
इंद्रदेव ने सलाह दी कि “वह किसी
महासागर में चले
जाएं। वरुण देव बोले ‘आप अंतरिक्ष में चले
जाइए।“
भगवानने कहा- “एक दिन मनुष्य वहां भी
अवश्य पहुंच
जाएगा।“ भगवान निराश होने लगे थे।
वह मन ही मन
सोचने लगे- “क्या मेरे लिए कोई भी ऐसा
गुप्त स्थान
नहीं है, जहां मैं शांतिपूर्वक रह सकूं।“
अंत में सूर्य देव बोले- “ प्रभू! आप ऐसा करें
कि मनुष्य के
हृदय में बैठ जाएं। मनुष्य अनेक स्थान पर
आपको ढूंढने में
सदा उलझा रहेगा। पर वह यहाँ आपको
कदापि न
तलाश करेगा।“ ईश्वर को सूर्य देव की
बात पसंद आ गई।
उन्होंने ऐसा ही किया। वह मनुष्य के
हृदय में जाकर बैठ
गए।
????उस दिन से मनुष्य अपना दुख व्यक्त करने
के लिए ईश्वर
को ऊपर ,नीचे, दाएं, बाएं, आकाश,
पाताल में ढूंढ
रहा है पर वह मिल नहीं रहे। मनुष्य
अपने भीतर बैठे हुए
ईश्वर को नहीं देख पा रहा है।

????कभी कभी अपना भी आत्मव्लोकन
करे । अपने आप के बारे में सोचे क्या हम सच में मन से शांत हैं । जो
हमारे मन में ईश्वर बैठा हैं क्या वो
हमारे व्यवहार से खुश हैं?

सोचे और अपने विचार से मुझे अवगत करावे ।

*????????नवीन सांखला ????????*

????????????????????????????????