- ज्योतिष, धार्मिक

वर्ष 2019 के अंतिम सूर्य ग्रहण पर क्या ना करें

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*????ज्योतिष वास्तु सँस्कार????*
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*????वर्ष 2019 का अंतिम सूर्यग्रहण????*
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*????26 दिसम्बर को सुबह सूर्यग्रहण लगेगा । इस सम्बंध में कुछ महत्वर्पूण जानकारी लेकर मैं नवीन सांखला आपके पसंदीदा ज्योतिष वास्तु सँस्कार में हाजिर हूं।????*

????सूर्य ग्रहण 26 दिसम्बर को भारतीय समयानुसार सुबह 08 बजकर 17 मिनट पर लगेगा और 10 बजकर 57 मिनट में समाप्त हो जाएगा। खण्डग्रास की अवधि 2 घंटे 40 मिनट तक रहेगी। सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 12 घंटे पूर्व यानि अगले दिन 25 दिसंबर को शाम 5 बजकर 32 मिनट में प्रभावी होगा जो ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म होगा। धार्मिक दृष्टि से सूतक काल को किसी शुभ कार्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इस दौरान शुभ कार्यों को नहीं किया जाता है।

*????क्यो माने ना माने ग्रहण*
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????लेकिन जिन जातकों की कुंडली में ग्रहण दोष है,जिनकी जन्म पत्रिका में सूर्य राहु की युति है, पितृ दोष है या राहु नीच राशि का होकर सूर्य को पीड़ित कर रहा है या दृष्टि सम्बन्ध हैं उन पर इसका असर विशेष दिखेगा। सूर्यग्रहण का असर राशियों पर उक्त असर15 दिन तक रहता है। वहीं यह ग्रहण धनु राशि में लगने वाला है।

*????सोचनीय बात*
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सूर्य पिता है जो सबको उजाला प्रदान करता है, आप एक बात सोचिये की जब हमारे परिवार में किसी सदस्य का जन्म या मृत्यु होती है ,चाहे वो देश मे हो या विदेश में , हमे सूतक लग जाता है । उसी तरह जो ग्रहण लगता हैं उसका प्रभाव देश मे हो या विदेश में ग्रहण का पालन अवश्य करना चाहिए ।

*????ग्रहण काल मे क्या न करे*
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हमारे ऋषि-मुनियों ने सूर्य ग्रहण लगने के समय भोजन के लिए मना किया है, क्योंकि उनकी मान्यता थी कि ग्रहण के समय में कीटाणु बहुलता से फैल जाते हैं। खाद्य वस्तु, जल आदि में सूक्ष्म जीवाणु एकत्रित होकर उसे दूषित कर देते हैं। इसलिए ऋषियों ने पात्रों के कुश डालने को कहा है, ताकि सब कीटाणु कुश में एकत्रित हो जाएं और उन्हें ग्रहण के बाद फेंका जा सके। पात्रों में अग्नि डालकर उन्हें पवित्र बनाया जाता है ताकि कीटाणु मर जाएं। ग्रहण के बाद स्नान करने का विधान इसलिए बनाया गया ताकि स्नान के दौरान शरीर के अंदर ऊष्मा का प्रवाह बढ़े, भीतर-बाहर के कीटाणु नष्ट हो जाएं और धुल कर बह जाए।

*सूर्य ग्रहण के समय क्या न करें ।*
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घर में रखे अनाज या खाने को ग्रहण से बचाने के लिए दूर्वा या तुलसी के पत्ते का प्रयोग करना चाहिए।

ग्रहण समाप्त होने के बाद तुरंत स्नान कर लेना चाहिए। इसके साथ ही ब्राह्मण को अनाज या रुपया दान में देना चाहिए।

ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए।

मान्यता है कि गर्भवती स्त्री को ग्रहण नहीं देखना चाहिए।

????भगवान शिव को छोड़ अन्य सभी देवताओं के मंदिर ग्रहण काल में बंद कर दिए जाते हैं।

मंदिर या घर के मंदिर में पूजा न करें। भगवान की मूर्ति को स्पर्श न करें। आप रोज सुबह पूजा करते हैं तो आज मंदिर में पूजा न करके किसी साफ जगह बैठकर मन हीमन भगवान का स्मरण करें।
आजकल घरों में पीने का पानी भी भरकर रखा जाता है। ऐसे में पीने के पानी में धुलकर साफ किए हुए तुलसी के पत्ते और कुछ बूंदें गंगाजल की मिला दें। इससे यह दूषित नहीं होगा।

*????गर्भवती स्त्री सावधान रहें*
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गर्भवती स्त्री को सूर्य-चंद्र ग्रहण नहीं देखने चाहिए, क्योंकि उसके दुष्प्रभाव से शिशु अंगहीन होकर विकलांग बन सकता है, गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। इसके लिए गर्भवती के उदर भाग में गोबर और तुलसी का लेप लगा दिया जाता है, जिससे कि राहु-केतु उसका स्पर्श न करें। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला को कुछ भी कैंची या चाकू से काटने को मना किया जाता है और किसी वस्त्रादि को सिलने से रोका जाता है। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से शिशु के अंग या तो कट जाते हैं या फिर सिल (जुड़) जाते हैं।

*????कुछ और सावधानी रखें*
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ग्रहण शुरू होने से पहले खाने की बनी हुई चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दें। दूध में भी तुलसी डालना न भूलें। तुलसी के पत्ते ग्रहण के समय निकलनेवाली हानिकारक तरंगों से भोजन को दूषित नहीं होने देते।

ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में झाडू़ लगाकर गंगाजल का छिड़काव करें। भगवान के मंदिर को गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें और धूप-दीप कर उन्हें भोग अवश्य लगाएं।

???? *सूर्यग्रहण और सिद्धि*
*मन्त्र प्रयोग* ????

????यदि आपके शत्रुओं की संख्या अधिक है व आप परेशान हैं तो बगुलामुखी का मंत्र जाप करें। मंत्र इस प्रकार है-

*????ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम:।*

वाक् सिद्धि हेतु-????

*????ॐ ह्लीं दूं दूर्गाय: नम:*

*????लक्ष्मी प्राप्ति हेतु तांत्रिक मंत्र-*

*????ॐ श्रीं ह्लीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा:।*

*????नौकरी एवं व्यापार में वृद्धि हेतु प्रयोग-????*

निम्नलिखित मंत्र का ग्रहणावधि तक लगातार जप करें- ????

*???? ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।*

*????मुकदमे में विजय के लिए-????*

*????ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।। ????*

????इसमें ‘सर्वदुष्टानां’ की जगह जिससे छुटकारा पाना हो उसका नाम लें।

????कोई मंत्र तब ही सफल होता है, जब आप में पूर्ण श्रद्धा व विश्वास हो। किसी का बुरा चाहने वाले मंत्र सिद्धि प्राप्त नहीं कर सकते। मंत्र जपते समय एक खुशबूदार अगरबत्ती प्रज्ज्वलित कर लें। इससे मन एकाग्र होकर जप में मन लगता है व ध्यान भी नहीं भटकता है।

????सूर्यग्रहण का हर राशि पर अलग अलग प्रभाव पड़ता हैं, जो इस लेख में बताना सम्भव नही है । लेकिन कोशिश करे कि ग्रहणकाल में भगवान के जाप करे, और हर समस्या से मुक्त होने हेतु प्रार्थना करे।

*????????नवीन सांखला ????????*
????????9827254555 ????????
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