- धार्मिक

इमरती के भोग और पान के बीड़े से संकट मोचन जल्दी प्रसन्न होते हैं

Spread the love

(पंडित श्याम गुरु पंडा लाल घोड़ी वाला)
9770333381
ज्योतिषीयों के सटीक गणना के अनुसार श्री हनुमान जी का जन्म 58 हजार 112 वर्ष पहले तथा लोकमान्यता के अनुसार त्रेतायुग के अंतिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में सुबह 6.03 बजे भारत देश में आज के झारखंड राज्य के गुमला जिले के आंजन नाम के छोटे से पहाड़ी गाँव के एक गुफा में हुआ था।
इन्हें बजरंगबली के रूप में जाना जाता है क्योंकि इनका शरीर एक वज्र की तरह हे। वे पवन-पुत्र के रूप में जाने जाते हैं। वायु अथवा पवन (हवा के देवता) ने हनुमान को पालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मारुत (संस्कृत: मरुत्) का अर्थ हवा है। नंदन का अर्थ बेटा है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान ‘मारुति’ अर्थात ‘मारुत-नंदन’ (हवा का बेटा) हैं।
19 अप्रैल 2019 शुक्रवार के दिन हनुमान जयंती है। परमवीर हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में हनुमान जयंती पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। महावीर हनुमान को सबसे शक्तिशाली देवता के रूप में पूजा जाता है। बजरंगबली अमर और चिरंजीवी है। इनकी भक्ति करने से मनुष्य को शक्ति, बुद्धि और आरोग्य प्राप्त होता है।
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। हनुमान जी भगवान शिव के 11वें अवतार हैं, जो वानरदेव के रूप में इस धरती पर रामभक्ति और राम कार्य सिद्ध करने के लिए अवतरित हुए। हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं। हनुमानजी की मूर्तियों पर सिन्दूर और चांदी का वर्क चढ़ाया जाता है।
हनुमान जयंती के दिन शाम के समय दक्षिणमुखी हनुमान मूर्ति के सामने शुद्ध होकर हनुमानजी के चमत्कारिक मंत्रों का जाप किया जाए तो यह बहुत फलदायी होता है।
1. इस दिन मनोकामना पूर्ति के लिए हनुमान जी को पान का बीड़ा जरूर चढ़ाना चाहिए।
2. इमरती के भोग से भी संकटमोचन अत्यंत प्रसन्न होते हैं।