लवनीश अग्रवाल
उज्जैन/ उज्जैन नगर पालिक निगम का एकमात्र सांस्कृतिक आयोजन कार्तिक मेला असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद होने की वजह से इस बार शुरुआत से ही सुर्खियों में बना हुआ था मेले के अंतिम दिनों में छेड़छाड़ की घटना का विरोध करने पर एक युवक की हत्या होना मेला परिसर में बदमाशों की सक्रियता को उजागर करता है। सुरक्षा इंतजाम के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे भी बदमाशों के हौसलों की कहानी को जग जाहिर कर रहे हैं फिर भी नकारा प्रशासन सुप्त अवस्था मैं मदमस्त है।
मौसेरी बहन को छेड़ने का विरोध करना पड़ा भारी
आगर निवासी दीपक नामक युवक उज्जैन में अपनी मौसी के यहां बापू नगर में आया हुआ था पुण्य सलिला मां शिप्रा के घाट पर कार्तिक मेला लगा होने से दीपक अपनी मौसेरी बहनों और अन्य परिजनों के साथ मेला देखने के लिए यहां मंगलवार को गया था देर रात झूले में छेड़खानी की घटना होने पर दीपक ने विरोध प्रकट किया जिसके परिणाम स्वरूप झूला संचालक ने अपने साथियों के साथ मिलकर दीपक की उस वक्त छुरा घोंप कर हत्या कर दी जब अन्य परिजन पुलिस के साथ महाकाल चौकी पर शिकायत दर्ज कराने गए थे दीपक को अकेला पाकर आरोपियों ने एकमत होकर चाकू से उसकी हत्या कर दी। बताते हैं कि बदमाशों ने चाकू से इतना घातक वार किया कि दीपक के घटनास्थल पर ही प्राण पखेरू उड़ गए। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन नाबालिग युवकों सहित 5 लोगों को हिरासत में लिया है।
क्या नगर निगम राहत राशि प्रदान करेगा…
घटना में असमय काल का ग्रास बने दीपक निवासी आगर के बारे में बताते हैं कि वह परिवार का इकलौता चिराग था उसकी मौत के साथ ही परिवार के सपने भी हो गए चकनाचूर क्या ऐसे में उज्जैन नगर पालिक निगम जोकि कार्तिक मेले का आयोजन करता है के द्वारा दीपक के परिवार को इस हादसे से उबरने के लिए कुछ राहत राशि प्रदान करेगा…। यह विचारणीय प्रश्न है वैसे देखा जाए तो नगर निगम को इस बार मेले से महापौर मुकेश टटवाल की सख्ती के चलते राजस्व में बढ़ोतरी हुई है।
क्यों होते हैं कार्तिक मेले में विवाद
कार्तिक मेले में विवाद होने की मुख्य वजह आवंटित की गई जगह को असामाजिक तत्व के कब्जे में होने से घटनाएं होती है। बताते हैं कि कार्तिक मेले में हैला वाड़ी हमालवाड़ी क्षेत्र के असामाजिक तत्व का बोलबाला है वही दानी गेट के सरवन परिवार का भी यहां पर हस्तक्षेप देखने को मिलता है। मेले से जुड़े व्यापारी बताते हैं कि इन दोनों क्षेत्रों के लोगों ने अधिकांशतः दुकानों की रसीद है अपने नाम से आवंटित करवा रखी है जिसके परिणाम स्वरूप नगर निगम से नाम मात्र के शुल्क पर दुकान लेकर असामाजिक तत्व मनचाहे भाव में उक्त व्यवसायिक प्लाट मूल व्यापारी को मनमाफिक भाव में बेच देते हैं। जिसकी वजह से मेले में विरोध और विवाद अक्सर देखने को मिलते हैं।
प्रशासन द्वारा बदमाशों के मकान जमींदोज
जिला प्रशासन के द्वारा बदमाशों में कानून का भय बनाए रखने हेतु उनके मकानों को जमींदोज किए जाने का कार्य लंबे समय से किया जा रहा है। इस मामले में भी उज्जैन जिला प्रशासन बदमाशों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनके मकानों को जमींदोज करेगा या फिर वर्ग विशेष होने का लाभ देते हुए मामले को अधर में लटका दिया जाएगा।
हिंदूवादी संगठन हुए सक्रिय
बुधवार के दिन हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारी कार्तिक मेला ग्राउंड पहुंच गए जहां पर उनके द्वारा मृतक दीपक का शव रखकर जिला प्रशासन पर यह दबाव बनाया गया कि वह कार्तिक मेले के समापन की घोषणा करें साथ ही इस मामले में सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए सभी बदमाशों की धरपकड़ कर उनके विरोध सख्त कार्रवाई की जाए।