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अंकित ग्राम के सेवाधाम आश्रम में मना जन जातीय गौरव दिवस

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भारत के विभिन्न अंचलों से 30 से अधिक आदिवासियों का हुआ सम्मान

सेवाधाम में बनेगा बिरसा मुंडा आदिवासी स्वावलम्बन केन्द्र

उज्जैन /अंकित ग्राम सेवाधाम आश्रम, उज्जैन में देश में आदिवासी समाज की समृद्ध संस्कृति एवं विरासत, धरोहर और उनके द्वारा दिए गए राष्ट्र निर्माण में योगदान को याद करते हुए बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर आश्रम में भारत के विभिन्न अंचलों के 30 से अधिक आदिवासी भाई-बहनों का तिलक, माला एवं अंगवस्त्र प्रदान कर जन जातीय गौरव दिवस मनाया। इस अवसर पर श्रीमती जानकी देवी बगड़िया, नईदिल्ली, रमेश अग्रवाल, हैदराबाद, श्रीमती सचिता अग्रवाल, हैदराबाद, घनश्याम दास अग्रवाल, इन्दौर सपरिवार विशेष रूप से उपस्थित हुए। सुधीर भाई ने बताया कि सेवाधाम में भारत के विभिन्न प्रांतों के दिव्यांग, बहु दिव्यांग, पीड़ित- शोषित गर्भस्थ आदिवासी बच्चों, महिलाओं और पुरूषों को आश्रय दिया है। अनेक महिलाऐं गर्भस्थ मानसिक पीड़िताओं को सुलभ प्रसव की सुविधा प्रदान की, आज वह अपने बच्चों के साथ सम्मानजनक जीवन जी रही है। इस अवसर पर सेवाधाम में बिरसा मुंडा आदिवासी स्वावलम्बन केन्द्र बनाने का संकल्प लिया। सेवाधाम निरन्तर आदिवासी एवं ग्रामीण अंचलों के अंतिम वर्ग की निरंतर सेवा कर रहा है। आज मुंडा जनजाति से ताल्लुक रखने वाले भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था। 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश शासन के दौरान आदिवासी बेल्ट के बंगाल प्रेसिडेंसी (वर्तमान में झारखंड) में आदिवासी आंदोलन का नेतृत्व बिरसा मुंडाजी ने किया था। आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम में सबसे पहले भगवान बिरसा मुंडा का नाम आता है। बिरसा मुंडा के अलावा और भी ऐसे गुमनाम आदिवासी स्वतंत्रता नायक हुए हैं जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।