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नौकरी दिलवाने के नाम पर इंदौरी युवती ने उज्जैन के युवक को ठगा

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पुलिस ने ठगी गई राशि वापस दिलवाकर की अपने कर्तव्य की इतिश्री
राजकुमार अग्रवाल द्वारा
उज्जैन- इंदौर/ इन दिनों ऑनलाइन ठगी के मामले आए दिन प्रकाश में आ रहे हैं। आज भी ऑनलाइन ठगी का एक मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने इस मामले में ठगी गई राशि पीड़ित पक्ष को वापस दिलवा कर ठगी करने वाली इंदौर निवासी महिला और उसके दोनों साथियों को छोड़ दिया। इस मामले में चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई की ठग युवती दिल्ली के एक एनजीओ से जुड़ी हुई है। जिसके द्वारा सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर एनजीओ के लेटर हेड पर नौकरी का अपॉइंटमेंट भेजा गया। इस मामले में उज्जैन पुलिस ने जिस तरह से अपने कर्तव्य की इतिश्री की उससे पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठना लाजमी है।
यह मामला इंदौर के पालदा क्षेत्र निवासी रवीना गोहर नामक युवती से जुड़ा हुआ है। बताते हैं कि रवीना के द्वारा सोशल मीडिया के प्लेटफार्म का उपयोग करते हुए भोले भाले सीधे-साधे लोगों को जान पहचान करने के पश्चात सरकारी नौकरी का झांसा देकर रुपए लेने के बाद दिल्ली से संचालित नेशनल रेस कोर्स इंडिया फाउंडेशन नामक एनजीओ के लेटर हेड पर नौकरी का अपॉइंटमेंट लेटर भेजा गया। जैसे ही यह लेटर पीड़ित युवक ने अपने परिजनों को दिखाया तो मामला कांच की तरह साफ हो गया। करीब ₹30000 का ऑनलाइन भुगतान कर चुके परिवार के द्वारा इंदौर निवासी ठग युवती से संपर्क कर उसे उज्जैन बुलवाया गया। जहां पीड़ित पक्ष ने अपने परिचित पुलिसकर्मियों की मदद से चाय की होटल पर युवती से चर्चा कर उससे ठगी गई राशि वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया लेकिन युवती के द्वारा रुपए वापस देने से इनकार किया गया तब इस मामले में पीड़ित पक्ष का सहयोग कर रहे पुलिसकर्मी उक्त युवती और उसके दोनों साथियों को लेकर नानाखेड़ा थाने पहुंच गए। जहां हवालात में जाने के भय से युवती ने अपने परिचित के माध्यम से ठगी गई राशि का ऑनलाइन भुगतान करवा दिया और इस तरह ठगी की वारदात को अंजाम देने वाली युवती पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद इंदौर के लिए रवाना हो गई। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर कुछ सवाल उठते हैं। क्या पुलिस ने ठगी के मामले में लेन-देन करवा कर जिस तरह अपने कर्तव्य की इतिश्री की क्या वह सही तरीका है..? क्या ठग युवती ने पहली बार किसी का शिकार किया है..? युवती जिस एनजीओ से जुड़ी हुई है उस एनजीओ के संचालक को से पूछताछ करना जरूरी नहीं था क्या..? उज्जैन नानाखेड़ा पुलिस को इंदौर पुलिस से युवती के संबंध में जानकारी लेना चाहिए थी लेकिन पुलिस ने ऐसा कुछ नहीं किया जबकि इस मामले में पुलिस जांच पड़ताल करती तो हो सकता है और भी कई मामले प्रकाश में आते। वैसे भी पुलिस की सामान्य पूछताछ में ही एक अन्य युवक को भी सरकारी नौकरी का झांसा देने की जानकारी मिली थी लेकिन उसमें किसी प्रकार का लेनदेन नहीं होने से पुलिस ने अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली उज्जैन पुलिस ने इस मामले में इंदौरी युवती का वेरीफिकेशन करना भी उचित नहीं समझा जिससे इस मामले में यह संदेह उत्पन्न होता है कि पुलिस की गिरफ्त में आई युवती ने अपना नाम और पता सही बताया है।

इनका कहना है

इस मामले में जब नानाखेड़ा थाना प्रभारी ओपी अहिर से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि शिकायती आवेदन आया था जिसमें उक्त युवती को बुलवाया था ।जहाँ उसके द्वारा राशि वापस लौटा देने पर शिकायतकर्ता के द्वारा आवेदन वापस लेकर आगे और किसी भी प्रकार की कार्यवाही न करने का निवेदन किया गया ।