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सेवाधाम आश्रम में जगदगुरू तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने दिव्यांग गुरूकुलम का शिलान्यास किया

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जगद्गुरू रामभद्राचार्य सेवाधाम राष्ट्रीय मानवता सेवा एवं आचार्य रामचन्द्र दास को सेवधाम राष्ट्रीय विक्रमादित्य गौरव सम्मान से किया सम्म्मानित

उज्जैन प्रवास के दौरान ‘अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम पधारे प.पू. पद्मविभूषण जगदगुरू तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी  रामभद्राचार्य महाराज के शुभ हस्तो दिव्यांगजनों के सर्वांगीण विकास हेतु शिक्षा-प्रशिक्षण गुरूकुलम का शिलान्यास किया। इस अवसर पर तुलसी पीठाधीश्वर एवं महाराज के उत्तराधिकारी आचार्य रामचन्द्र दास (जय महाराज), सेवाधाम आश्रम संस्थापक सुधीर भाई गोयल, जलग्राम जखनी जल योद्धा उमा शंकर पाण्डे, जानकीदेवी बगड़िया, दिल्ली मोनिका बाजोरिया, यवतमाल, कीर्ति अग्रवाल, जलंगाव सहित आश्रम के विशेष बच्चे उपस्थित हुए। आश्रम संस्थापक सुधीर भाई ने बताया कि रामानन्द सम्प्रदाय के जगदगुरू, धर्म चक्रवर्ती दिव्यांगजनों के साथ ही साथ राष्ट्र एवं समाज को अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर आने वाली पीढ़ी को नई दिशा देकर चित्रकूूट तुलसी पीठाधश्वर के रूप में दिव्यांग विश्वविद्यालय की स्थापना की। सर्वप्रथम आश्रम के मुख्य द्वार पर महाराजश्री का सद्गुरू बैण्ड के माध्यम से विशेष बच्चों ने स्वागत सम्मान कर पुष्प वर्षा की, इस अवसर पर स्वामी श्री रामभद्राचार्य महाराज को ‘अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम द्वारा सेवाधाम राष्ट्रीय मानवता सेवा सम्मान और युवराज तुलसी पीठाधीश्वर आचार्य रामचन्द्र दास (जय महाराज) को सेवाधाम राष्ट्रीय विक्रमादित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।

जगदगुरू स्वामी रामभद्राचार्य  महाराज ने अपने सम्बोधन में कहा कि ‘अंकित ग्राम’ के सेवाधाम आश्रम में दिव्यांगजनों के गुरूकुलम के शिलान्यास करने पर मैं बहुत ही प्रसन्नता का अनुभव कर सुधीर गोयल की सेवा की सराहना कर रहा हूं मैं यहां एक आश्वासन देते हुए जा रहा हूं कि आप लोगांे को बहुत कष्ट हो रहा है यहां का रोड़ बहुत खराब है और मेरी बांयी छाती में दर्द हो गया, और मैं मुख्यमंत्री जी से कहूूंगा इस रोड़ को बहुत जल्दी बनवा दे और रोड़ बन जाने के बाद मैं फिर आउंगा, आप चिंता मत करिए। मैं आपको न्यौता दे कर जा रहा हूं इंटर के बाद सेवाधाम का कोई भी बालक या बालिका किसी भी वर्ग का, किसी भी जाति का हो हमारे जगदगुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्व विद्यालय, चित्रकूट में आकर पढ़ सकता है, मैं आशीर्वाद दे कर जा रहा हूं।