- ज्योतिष, धार्मिक

नवरात्र पर नौ देवियों के अनुसार बीज मंत्र एवं विशेष नैवेद्य से विपत्तिओं/ आपदाओं से रक्षा, सौभाग्य , शक्ति एवं अनगिनत लाभ

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*धर्म और संस्कृति*

कल का शेष भाग ….

*????*प्रतिपदा तिथि* – नवरात्र के प्रथम दिन प्रतिपदा के दिन शुद्ध घी अर्पित करने से आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है।
*शैलपुत्री- ह्रीं शिवायै नम:।*

???? *द्वितीय तिथि* – शक्कर का भोग लगाकर उसे दान करें। क्योंकि, शक्कर का दान दीर्घायु देता है।
* *ब्रह्मचारिणी- ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:*।*

*????*तृतीया तिथि* – इस तिथि को दूध की प्रधानता होती है। *पूजन में दूध का उपयोग कर उसे ब्राह्मण को दान करें*।दूध दान करने से दुखों से मुक्ति का फल साधन होता है।
*चन्द्रघण्टा- ऐं श्रीं शक्तयै नम:।*

???? *चतुर्थी तिथि* – चतुर्थी तिथि को मालपुआ का नैवेद्य अर्पण करें। इससे बुद्धि का विकास होता है।
*कूष्मांडा- ऐं ह्री देव्यै नम:।*

*????पंचमी तिथि* – केले का नैवेद्य चढ़ाएं। *प्रसाद ब्राह्मण को दान करें।* इससे बुद्धि के साथ-साथ निर्णय शक्ति में भी असाधारण विकास होता है।
*स्कंदमाता- ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।*
*????*षष्ठी तिथि* – इस तिथि में मधु का विशेष महत्व है। *मधु से पूजन कर ब्राह्मण को दान करने से स्वरूप में आकर्षण का उदय होता है।*
सुन्दरता में वृद्धि होती है। *कात्यायनी- क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:*।

???? *सप्तमी तिथि* –

*गुड का नैवेद्य अर्पित कर ब्राह्मण को दान करना शोक मुक्ति का कारक है।* गुड़ दान से आकस्मिक विपत्ति से रक्षा होती है। *कालरात्रि – क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।*

*????अष्टमी तिथि* – नारियल का भोग लगाना चाहिए। नारियल दान करना संतान रक्षक है। साथ ही इससे पीड़ा का शमन होता है।
*महागौरी- श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।*

*????*नवमी तिथि* – काले तिल का नैवेद्य अर्पण कर दान करने से मृत्यु भय से राहत मिलती है। अनहोनी घटना से बचाव होता है।
*सिद्धिदात्री – ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।*

*????नव दुर्गा के बीज मंत्रों की प्रतिदिन मंत्र जाप करने से मनोरथ सिद्धि होती है.*❓

*कुशल ज्योतिषी की सलाह पर कुडंली के ग्रहो से सम्बंधित ज्योतिषीय उपाय द्वारा ग्रहो को ज्यादा अनुकूल बनाये |*
विशेष — —
*ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे*

*नव अक्षरों वाले इस अद्भुत नवार्ण मंत्र के हर अक्षर में देवी दुर्गा कि एक-एक शक्ति समायी हुई हैं*, जिस का संबंध एक-एक ग्रहों से हैं। नवार्ण मंत्र कि नव शक्तियाँ व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और *मोक्ष कि प्राप्ति में सहायक सिद्ध होती हैं। देवी आराधना से परिवार में सुख शांति व बैभव का आगमन होता है।*

*????*कलश स्‍थापना की तिथि: 26* सितंबर
2022*

*कलश स्‍थापना का शुभ मुहूर्त:*❓
*26 सितंबर 2022 * – *प्रातः 06.45से से 08. बजे* *
*दोपहर 10 से 11 के एवं 11.45 से 12.39बीच भी घट स्थापना की जा सकेगी*

*????????नवीन सांखला ????????*
*????????9827254555 ????????*