उज्जैन/ भूत भावन महाकालेश्वर की दूसरी सवारी आज अपने पूरे लाव लश्कर व राजसी वैभव के साथ निकली पालकी में राजाधिराज बाबा महाकाल ने चंद्रमोलेश्वर के रूप में अपनी प्रजा को दर्शन देकर प्रजा के हाल चाल जाने। सवारी में प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा,उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, नव निर्वाचित महापौर मुकेश टटवाल, तराना विधायक महेश परमार, पार्षद माया राजेश त्रिवेदी,सपना जितेंद्र सांखला, आदि गणमान्य नागरिक चल रहे थे वही कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र शुक्ल, निगमायुक्त अंशुल गुप्ता आदि अधिकारीद्वय पूरे सवारी मार्ग व सवारी की वयवस्थो का जायजा लेते रहे ।
सवारी मार्ग के व्यापारी सोमवार को रख सकते हैं अवकाश
सवारी मार्ग को बैरिकेट्स से कवर किए जाने से परेशान व्यापारी वर्ग रविवार के अवकाश को अब सोमवार के दिन रखने की तैयारी कर रहे हैं ऐसी चर्चा जिला प्रशासन के द्वारा क्राउड मैनेजमेंट के तहत की गई बैरिकेडिंग से परेशान होने के बाद व्यापारियों के बीच बनी हुई है। व्यापारियों ने कहां की जिस तरह से बैरिकेट्स लगाए गए उससे उन्हें शौचालय तक जाने में व्यवस्था में जुटे हुए प्रशासनिक अमले से दिनभर जद्दोजहद करना पड़ी। ऐसे में व्यापारी वर्ग के हाल बेहाल हो गए और उनके द्वारा रविवार के अवकाश वाले दिन बाजार को चालू रख सोमवार के दिन अवकाश रखे जाने की तैयारी की जा रही है
मनमाने भाव में सामग्रियों का हुआ विक्रय
सावन मास में धार्मिक यात्रा पर आए यात्रियों से होटल व्यवसाई मनमाने भाव वसूलते नजर आए चाहे फिर वह खाने पीने की होटल हो या फिर ठहरने की व्यवस्था। मूल्य नियंत्रण किस चिड़िया का नाम है यह व्यापारी वर्ग भूल गए और उनके द्वारा मनमाफिक मूल्य खाद्य पदार्थों सामग्रियों के वसूले गए वही होटल लॉज मैं भी इसी तरह की व्यवस्था देखने को मिली है जो कमरे सामान्य दिनों में 400 से ₹600 में सहजता से उपलब्ध हो जाते हैं वही कमरे 1500 सौ से ₹4000 तक यात्रियों को उपलब्ध कराए गए हैं।
सुलभ यातायात व्यवस्था भी हुई बेलगाम
बाहर से आने वाले यात्री रेलवे स्टेशन बस स्टैंड और नानाखेड़ा बस स्टैंड से महाकाल मंदिर की ओर जाने के लिए सुलभ यातायात व्यवस्था से जुड़कर दर्शन के लिए पहुंचना चाह रहे है जिनसे ऑटो और ई रिक्शा के चालकों ने 150 से ₹200 तक वसूल किए हैं। जबकि यातायात पुलिस के द्वारा प्रीपेड काउंटर बना रखे हैं लेकिन वहां से कोई भी ऑटो संचालक यात्रियों को अपने वाहन में नहीं बिठाते हैं जिसके परिणाम स्वरूप बाहर से आने वाले यात्री को वाहन संचालकों को मनमर्जी के रेट देना पढ़ते हैं। शहर में श्रावण–भादो मास में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती ही जाना हे जो प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती साबित होगी इसके लिए प्रशासन को अभी से अपनी तैयारियां करना होगी । शाही सवारी का स्वरूप सिहस्थ की याद ताजा करने की प्रबल संभावना है,प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं को होने वाली उपरोक्त परेशानी को ध्यान में रखकर कारगर नीति बनाने की आवश्यकता है।