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उज्जैन में कांग्रेस नेताओं को पार्टी विरोधी कार्य करने पर मिले नोटिस, चेतन यादव और महेश सोनी पर साधे निशाने

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???? पार्षद प्रत्याशियों के विरुद्ध भी कार्य करने वाले नेताओं को मिलेंगे नोटिस

???? कांग्रेस की राजनीति में आएगा भूचाल

???? महापौर प्रत्याशी रहे विधायक महेश परमार का वरिष्ठ नेताओं को निपटाओ अभियान शुरू

✍️राजकुमार अग्रवाल✍️

उज्जैन/ सावन मास में हो रही रिमझिम बारिश से मौसम में भले ही ठंडक घुल गई हो लेकिन राजनीति के गलियारों में आज भी गर्माहट बनी हुई है। उज्जैन नगर पालिक निगम के लिए हुए मतदान में पार्टी विरोधी कार्य करने पर शहर कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष कामरेड महेश सोनी और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता चेतन यादव को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से स्पष्टीकरण मांगते हुए नोटिस जारी किए गए हैं जिसकी समयावधि 7 दिन दी गई है। वैसे और भी कई कांग्रेस नेताओं को पार्टी विरोधी कार्य करने पर नोटिस मिलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
ऐसा कहा जाता है कि कांग्रेस को कांग्रेसी हराते हैं। आज यह बात स्पष्ट रूप से नजर भी आ रही है। नगर निगम चुनाव के ठीक पहले शहर कांग्रेस कमेटी के पद से मुक्त हुए महेश सोनी को पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के विरुद्ध कार्य करने पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाश शेखर के द्वारा पत्र क्रमांक 957/22 के द्वारा 7 दिन की अवधि में स्पष्टीकरण मांगा गया है ।
इसी तरह का पत्र क्रमांक 956/22 वरिष्ठ कांग्रेसी नेता चेतन यादव को भी दिया गया है। इस पत्र में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से यह बताया गया है कि आप के खिलाफ तथ्यात्मक जानकारी मिलने के बाद पार्टी विरोधी कार्य करने के आरोप है और इस संबंध में आप सात दिवस में अपना स्पष्टीकरण देवें। इस पत्र की प्रतिलिपि शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रवि भदोरिया और महापौर प्रत्याशी रहे विधायक महेश परमार को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रेषित की गई है। कांग्रेस के दिग्गजों को मिले यह नोटिस जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुए राजनीति के गलियारों में गर्माहट बढ़ चुकी है।
जब इस संबंध में कुछ कांग्रेसी नेताओं से अनौपचारिक चर्चा की गई तो उनका कहना है कि भितरघात एक परंपरा बन चुकी है और कई दिग्गज नेता बरसों से नापसंद उम्मीदवारों को निपटाते आए हैं। लेकिन इस तरह से नोटिस बाजी कर कांग्रेस को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। दबी जुबान से कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वैसे ही मुट्ठी भर कांग्रेस नेता बचे हैं और ऐसे में उन्हें बेवजह आरोप लगाकर निपटाने की जो राजनीति की जा रही है उससे कांग्रेस संगठन कमजोर होगा।
अभी हाल ही में केवल दो नेताओं को मिले नोटिस सामने आए हैं वैसे कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशियों के द्वारा भी वार्ड स्तर पर निपटाने के अभियान में जुटे हुए कई कांग्रेसी नेताओं की शिकायतें की गई है जिन पर कार्रवाई होना शेष है यह दोनों नोटिस महेश परमार के द्वारा तथ्यात्मक शिकायत किए जाने के बाद जारी किए गए हैं।
अब देखना यह है कि कांग्रेस नेताओं को मिल रहे नोटिसो का शहर की राजनीति मैं क्या असर पड़ेगा