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मोहन का मतलब त्याग होता है,सिहस्थ भूमि का त्याग करना होगा- महंत हरी गिरी महाराज

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उज्जैन/ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महंत हरि गिरि महाराज आज सुबह उज्जैन पहुंचे और बाबा महाकाल के मंदिर पहुंचकर दर्शन लाभ लिए आपके साथ साधु और संत मौजूद थे। महाकाल दर्शन के पश्चात महंत हरी गिरी महाराज हरियाणा आश्रम नरसिंह घाट पहुंचे जहां भोजन प्रसादी ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से रूबरू हुए। महंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि सिंहस्थ भूमि का संरक्षण आवश्यक है इस पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण या खरीदी बिक्री की जाती है तो संत समाज बर्दाश्त नहीं करेगा चाहे उसके लिए आंदोलन ही क्यों ना करना पड़े। महंत ने यह भी कहा कि मोहन का मतलब त्याग होता है।सिहस्थ भूमि की खरीद-फरोख्त पर कहा कि शासन को जमीन बेचकर संरक्षण में सहयोग करना चाहिए। बाबा महाकाल की नगरी को बसाने मैं यदुवंश अग्रणी रहा है हम संत समाज उनका आभार व्यक्त करते हैं लेकिन भूमि के संरक्षण में किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जाएगा। महंत ने यह भी कहा कि संत समाज को आंदोलन भी करना पड़ा को हम उसके लिए तैयार हैं। सिहस्थ प्राधिकरण के संबंध में पूछे गए सवाल पर आपका कहना था कि इसमें पत्रकार बुद्धिजीवी वर्ग को मनोनीत किया जाना चाहिए। आपने संत समाज के साथ जीवन खेड़ी सांवरा खेड़ी की सिहस्थ भूमि का निरीक्षण कर नाराजगी जताई।