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भूमाफिया रामसिंह को अभयदान क्यों..?

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कॉलोनी सेल और रजिस्ट्री पंजीयक की साठगांठ से ही फल फूल रहा है अवैध कॉलोनी का कारोबार, खरीददार हुए बेघर बार

राजकुमार अग्रवाल

उज्जैन/ माफिया गिरी अभियान के अंतर्गत भू माफिया राम सिंह सोलंकी के द्वारा मक्सी रोड क्षेत्र के नीमचवासा में काटी गई रामकृष्ण विहार कॉलोनी पर पिछले दिनों प्रशासनिक अमले ने हथौड़े चलाकर थोथी वाही वाही बटोरने का प्रयास किया। प्रशासनिक अमले की नाकामयाबी का अंदाज सहजता से लगाया जा सकता है। आंखों वाले अंधे की तर्ज पर कार्य कर रहा प्रशासनिक अमला खुलेआम अवैध कॉलोनी बेचने वाले भू माफिया पर अब तक कोई शिकंजा नहीं कस पा रहा है वहीं दूसरी ओर इस कार्रवाई का शिकार हुए आम नागरिक बेघर बार होकर न्याय पाने के लिए दरबदर भटक रहे उनकी फरियाद सुनने की जिम्मेदारी कोई भी सक्षम वर्ग उठाने को तैयार नहीं है।

 प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही प्रशासनिक अमला प्रदेश के मुखिया कमलनाथ के दिशा निर्देश पर माफिया गिरी अभियान के अंतर्गत कार्रवाई करने में जुट गया जिसके तहत सबसे पहले निमन वासा क्षेत्र में भाजपा नेता राम सिंह सोलंकी के द्वारा काटी गई कॉलोनी रामकृष्ण विहार को निशाने पर लिया गया। प्रशासनिक अमले ने यहां पर कार्रवाई करते हुए कॉलोनी को मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया जबकि कॉलोनी में प्लाट खरीदने वाले आम लोगों को भू माफिया के द्वारा रजिस्ट्री करवाई गई थी। अब सवाल यह उठता है कि जब उक्त कॉलोनी को विकसित कर यहां पर प्लॉट बेचे जा रहे थे तब उज्जैन का प्रशासनिक अमला आंखें मूंदे क्यों बैठा हुआ था..? रजिस्ट्री पंजीयक कार्यालय ने किन कारणों के चलते सरकारी जमीन की रजिस्ट्रीयाँ की है..:?

सत्ता परिवर्तन से हुए लोग बेघर बार

प्रदेश में सरकार के बदलने से भाजपा नेता की कॉलोनी में प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्रवाई की है जब यह कॉलोनी बेची गई तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी लेकिन अब कांग्रेस की सरकार है.। वैसे पहले भी उज्जैन शहर में भाजपा के ही विधायक थे और आज भी भाजपा के ही विधायक है नगर निगम में भाजपा का ही बोर्ड काबीज है। परंतु तब भू माफिया राम सिंह सोलंकी को जालसाजी पर पर्दा पड़ा हुआ था अब सत्ता परिवर्तन के साथ शिकंजा कसा गया जिसका शिकार पैसा देकर प्लाट खरीदने वाले आम लोग हुए।

इंदौर रोड पर भी श्री राम कॉलोनी बसाई है

भू माफिया रामसिंह सोलंकी के द्वारा इंदौर रोड बाईपास पर सीएचएल अपोलो हॉस्पिटल के पीछे श्रीराम कॉलोनी भी बसाई गई है। प्रशासनिक अमला यहां भी कल कार्रवाई हेतु पहुंच चुका था किंतु नगरी प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह के उज्जैन शहर में मौजूद होने से यहां के रहवासियों ने अपने साथ हुई जालसाजी की और उनका ध्यान आकृष्ट कराया तब कुछ समय के लिए यहां पर कार्रवाई को रोका गया है।

पहले 150 से अधिक अवैध कालोनियां हुई वैद्य

भाजपा शासनकाल में 150 से अधिक अवैध कालोनियों को व्यक्त किया गया यही वजह है कि भू माफियाओं ने ग्रीन बेल्ट की जमीनों पर अवैध कालोनिया सीना तान कर काटी। इसी के साथ सर्वे नंबर में हेरफेर कर सरकारी जमीनों पर भी कालोनियां काटकर राम सिंह सोलंकी जैसे भू माफिया वारे न्यारे हो गए। राम सिंह सोलंकी के द्वारा काटी गई कालोनियों मैं भी सरकारी जमीन के बड़े टुकड़े शामिल है जिसकी पूर्णता जांच होने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है।

प्रकरण दर्ज कराने की तैयारी में….

भू माफिया रामसिंह सोलंकी के द्वारा ₹150000 में सस्ते फ्लैट बेचने के नाम पर की गई धोखाधड़ी का शिकार हुए करीब 150 लोग पुलिस में प्रकरण दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं। यहां यह विदित रहे कि प्लाट खरीदने के बाद करीब 10 से 1500000 रुपए खर्च कर मकान बनाकर रह रहे लोग आज अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं उनका कहना है कि उन्हें बाकायदा रजिस्ट्री कर प्लाट बेचे गए हैं फिर कार्रवाई उनके खिलाफ क्यों? सबसे पहले भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए ।

जोड़-तोड़ मैं जुटा हुआ है भू माफिया

माफिया गिरी अभियान के अंतर्गत हुई कार्रवाई के बाद भू माफिया रामसिंह सोलंकी अपने बचाव के लिए जोड़-तोड़ में जुट गया है। बताते हैं कि कांग्रेस के कद्दावर विधायक तक भू माफिया अपनी पैठ बनाने के प्रयास किए हैं। लेकिन अभी सफलता हाथ नहीं लगी है। भू माफिया के द्वारा कांग्रेस के ही अन्य बड़े नेताओं से भी मेलजोल कर कार्रवाई को रुकवाने का प्रयास किया जा रहा है।

भाजपा ने लगाया पक्षपात का आरोप

भू माफियाओं के विरुद्ध शुरू हुई इस कार्रवाई के बाद भाजपा संगठन की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में पक्षपात का आरोप लगाया गया है। अतिक्रमण और अवैध निर्माण को लेकर भाजपा का कहना है कि कार्रवाई निष्पक्ष नहीं हो रही है सिर्फ भाजपा नेताओं कोही निशाने पर लिया जा रहा है। भाजपा की ओर से यह भी आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस के कई नेताओं ने शहर में सर्वे नंबर में हेरफेर कर अवैध कालोनिया काट रखी है उन पर भी कार्रवाई होना चाहिए।