*???? ज्योतिष व वास्तु संस्कार ????*
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*????वास्तु सूत्र????*
*????पूर्व या उत्तर में तुलसी अवश्य लगाएं. इससे घर में शारीरिक, मानसिक, आर्थिक लाभ बना रहता है.*
*???? पलंग पर स्टील के बर्तन न रखें, इससे स्वास्थ्य लाभ में कमी आ सकती है.*
*????मकान बनवाते समय सबसे पहले बोरिंग, फिर चौकीदार का कमरा और बाद में बाहरी दीवार बनवाएं. इससे काम समय पर पूरा होता है.*
*???? बिजली के स्विचेज़, बिजली का मुख्य मीटर, टीवी आदि कमरे में आग्नेय कोण अथवा वायव्य कोण पर रखने से धन में वृद्धि होती है.*
*????मकान की सब दिशाओं की तुलना में उत्तरी व पूर्वी भाग में खाली स्थान अधिक हो तो आर्थिक उन्नति के साथ व्यापार में भी विशेष वृद्धि होगी.*
*????छत की ढलान उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखें. इससे आर्थिक उन्नति होती है.*
*????घर में कन्याओं का स्थान उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में ही बनाना चाहिए. ऐसा करने से कन्याओें से संबंधित कार्य जल्दी होते हैं.*
*????भूलकर भी दर्पण पश्चिम या दक्षिण की दीवार पर न लगाएं. दर्पण पूर्व या उत्तर की दीवार पर लगाएं. ऐसा करने से प्रगति जल्दी होती है.*
*????भवन की ऊंचाई दक्षिण व पश्चिम भाग में अधिक तथा उत्तर व पूर्व भाग में कम हो. इससे कार्यों में आसानी होती है.*
*????सूर्य की किरणों तथा शुद्ध वायु से वंचित मकान अच्छा नहीं होता तथा मध्याह्न के पश्चात् की सूर्य किरणें भी घर में स्थित कूप या जलस्थान आदि पर पड़ें तो भी अच्छा नहीं होता. तात्पर्य यह है कि प्रातःकालीन सूर्य की किरणों का प्रवेश घर में अवश्य ही होना चाहिए, जो कि श्रेष्ठ है.*
*???? भवन निर्माण इस प्रकार से किया जाए कि भूखण्ड में भवन के चारों ओर खुला स्थान रहे. इससे यशवृद्धि होती है.*
*????वास्तु की दृष्टि से पश्चिम तथा दक्षिण की तुलना में उत्तर तथा पूर्व में अधिक खुला हुआ भाग होना चाहिए. फ्लैट्स में इस सूत्र का उपयोग करके लाभ लिया जा सकता है. ऐसा करने से जीवन में स्थायित्व भी आता है.*
*????????नवीन सांखला ????????*
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