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पूर्व जन्म के पाप की सजा क्यों भुगतना पड़ती है इस जन्म में…

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????ज्योतिष वास्तु संस्कार ????
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????क्या आप पूर्व जन्म के पाप की
सजा भोग रहे हो ?????
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दोस्तों,

????हम कई बार किये कार्य मे सफल नही होते। कई बार अच्छा कार्य करने पर भी हमे अधिकारी बेवजह जलील करता हैं, हर वक्त उलझन रहती हैं।ये सब हमारे पूर्व जन्म में गलत कर्मो से होता हैं ।

????पूर्व जन्म से अर्थ उस जन्म से है जो आपको आपके इस जन्म से पहले मिला था और कहा जाता है कि हमे इस जन्म में जो भी सुख या दुःख मिलता है उसका आधार हमारा पूर्व जन्म और पूर्व जन्म में किये हुए हमारे कार्य ही होते है. अगर हमने अपने पूर्व जन्म में अच्छे कार्य किये है तो इस जन्म में हमे सुख की प्राप्ति होगी और यदि हमने अपने पूर्व जन्म में बुरे कार्य किये है या किसी को कोई कष्ट दिया है तो हमे इस जन्म में दुखो का सामना करना पड़ेगा. इसिलिया जब भी हम किसी मुसीबत में पड़ते हैया हमें कोई परेशानी होती है तो हम अपने पिछले / पूर्व जन्म में बारे में सोचने लगते है कि आपने अपनेपिछले जन्म में ऐसा क्या किया था जिनकी सजा आपको भगवान आपके इस जन्म में दे रहा हा और जिनकी वजह से आपको इस जन्म में दुःख देखना पड़ रहा है. अगर आप भी अपने पिछले जन्म में बारे में और पिछले जन्म में कियेगये कार्यो के बारे में जानना चाहते है तो आज आपको मे हंस जैन ज्योतिष वास्तु ग्रुप मे बता रहा हूँ ।

????यदि सरकारी कार्यो मे आपने धोखा दिया बेईमानी की तो आपके साथ ये
होगा
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????लाल किताब के हिसाब से आपके पिछलेजन्म के कार्यो को कुंडली के आठवे घर के जरिये जाना जा सकता है. अगर आप इस जन्म में अपने जन्म स्थान से दूर दुखो को भोग रहे है और आपको एक संघर्ष पूर्ण जीवन बिताना पड़ रहा है तो आपकी कुंडली के आठवे घर में सूर्य का वास अवश्य मिलेगा,आठवे घर में सूर्य के वास की वजह से ही आपको ऐसे दुखो को झेलना पड़ता है.और इसका ये अर्थ है कि आपने अपने पूर्व जन्म में किसी बेकसूर व्यक्ति को सताया है और उसको दुःख दिया है. क्योकि आपने अपने पूर्व जन्म में सरकारी कार्यो को करने के लिए या सरकारी पद पर रहकर बेईमानी की है तो हो सकता है कि आपको इस जन्म में सरकारी दंड झेलना पड़े और आपको आपके सरकारी कार्यो को करते वक़्त मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता हैं।आपका अधिकारी आपसे हर पल नाराज रहेगा । आप अधिक
मेहनत करेंगे फिर भी आपके पीछे याने कम मेहनती का प्रमोशन हो जायगा ।

शनि देवआपकी कुंडली के आठवे घर
में विराजमान हो जाये तो
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????शनि देव आपको आपके किये गये हर गलत कार्य का उचित और न्यायपूर्ण दंड देते है. ऐसी स्थिति में अगर आप किसी दुसरे के द्वारा किये गये कार्य का दंड भोग रहे है तो ये दंड आपको आपके पूर्व जन्म में किसी लाचार व्यक्ति को सताने के कारण मिलता है. जो जो व्यक्ति शराब पीते है और पराई स्त्री के साथ अपने सम्बन्ध रख कर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह नही करते, ऐसे व्यक्तियों को शनि देव ये दंड देते है. ऐसे व्यक्तियों को अधिकारियो से भी दंड प्राप्त होता है, उन्हें हर जगह बार बार अपमान का सामना करना पड़ता है, ऐसे लोग संपत्ति से सम्बंधित विवादों में भी उलझे रहते है और अगर ऐसे व्यक्ति अधिक परिश्रम करके सफलता प्राप्त कर भी लेते है तो उनकी ये सफलता ज्यादा दिनों तक नही टिक पाती औरउन्हें दुबारा दंड का सामना करना पड़ता है ।यदि डाक्टर द्वारा दिए सब उपाय के बाद भी आपके घुटनो मे दर्द रहता हैं तो वो भी शनि का दोष हैं।
यदि आप किसी मजदूर को परेशान करते हो, उसकी मजदूरी हड़प लेते हो,कम मजदूरी देते हो, गरीब की हँसी उड़ाते हो तो भी शनि का श्राप मिलता हैं ।

आपके कार्य मे सफलता नही मिलती

*????इसका कारण हैं गुरु????*

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????इस स्थिति का कारण गुरु का अशुभ स्थिति में होंना है. आपकी कुंडली के आठवे घर में विराजमान गुरु की स्थिति अगर अशुभ है तो आप कितना भी प्रयास कर ले आपको कभी सफलता प्राप्त नही हो सकती. ऐसे व्यक्तियों को उनके द्वारा किये गये परिश्रम का फल भी नही मिलता और न ही उनके सम्मान और यश में कोई वृद्धि हो पाती है. बल्कि इनको अपनेसंतान सुख से भी वंचित रहना पड़ता है.ज्योतिष शास्त्र में इसका कारण लिखा है कि जो व्यक्ति अपने जीवन काल में अपने माता – पिता, गुरु या शरण में आये व्यक्ति को सम्मान नही देता और उसका अनादर करता है, उन्हें धोखा देता है उस व्यक्ति को इन सब संकटो का सामना करना पड़ता है क्योकि गुरु इन लोगो की कुंडली के आठवे घर में विराजमान होकर इनको इनके किये हुए कार्य का दंड देता है.जो इंसान माता पिता की सेवा नही करता,गुरु ,मुनि, धर्म की अवहेलना करता या निंदा करता उनके साथ ऐसा होता हैं।

????इस कारण आपका दाम्पत्य जीवन
शुभ नही रहता

????ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे वैवाहिक जीवन और हमारे भौतिक जीवन के सुखो के लिए शुक्र जिम्मेदार होता है. अगर शुक्र आपकी कुंडली के आठवे घर में विराजमान है तो आपके वैवाहिक जीवन के लिए उनका खुश होना अत्यंत जरूरी है. तभी आपका दांपत्य जीवन सुखद हो पता है और इसके साथ साथ आपको धन और वैभव की भी प्राप्ति होती है, किन्तु वे लोग जिन्होंने आने पूर्व जन्म में आने जीवनसाथी को सताया है या अपने जीवन साथी के होते हुए कोई नाजायज संबंध रखा है ऐसे व्यक्तियों की कुंडली में शुक्र नाराज़ होकर उनकी कुंडली के आठवे घर में बैठ जाता है और ऐसे लोगो कोसज़ा देता है. जिसके परिणाम स्वरूप ऐसे लोगो को अपने धन के लालच की वजह से समाज में अपमानित होना पड़ता है और अपना दांपत्य जीवन भी कष्ट में हे बिताना पड़ता है. ऐसे व्यक्तियों को कभी भी उनके प्रेम में सफलता नही मिलती.यदि आप अपनी पत्नी को बेवजह मारते हो उसका सम्मान नही
करते हो, महिलाओ की इज्जत नही करते शुक्र नाराज हो जाता हैं ।

???? तो दोस्तों, अब आप अपनी कुंडली देखे और समझे की आपको इनमे से क्या दुःख आ रहा हैं । यदि आ रहा हैं तो उस ग्रह के उपाय आज ही करे ।

????????नवीन सांखला ????????
????????9827254555 ????????