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जनप्रतिनिधियों की आपसी खींचतान से देवास भाजपा में राजनीति गरमाई

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देवास/ देवास में भारतीय जनता पार्टी की राजनीतिक उठा पटक हर दिन नए रंग में देखने को मिल रही है। निर्वाचित जन प्रतिनिधि स्वयं की मान प्रतिष्ठा भूलकर निम्न स्तर की राजनीति अपने समर्थको के माध्यम से करते हुए नजर आ रहे हैं जिससे विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी की ख्याति धूमिल होती हुई नजर आ रही है। जन प्रतिनिधि की ओच्छी राजनीति के मामले अब पुलिस थाने तक भी पहुंचने लगे हैं। और सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि देवास भाजपा संगठन के जिम्मेदार पदाधिकारी केवल नजारा देखने में मद मस्त है। समय रहते संगठन स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो भाजपा को देवास में राजनीतिक नुकसान उठाना पड सकता है।

देवास का राज घराना सदियों से धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक पेठ आमजन के बीच बने हुए हैं। देवास का जनमानस भी राजघराने को सदैव सम्मान देता आया है यही वजह है कि राजघराने की राजनीतिक पकड़ का लाभ भाजपा को सदैव यहां से मिला है। महाराज के बाद महारानी को भी यहां की जनता ने सदैव परंपरागत रूप से वोट देकर अपना समर्थन दिया है लेकिन इन दिनों देवास शाजापुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जनप्रतिनिधि अपने समर्थको की कुटील चालो का शिकार होते हुए नजर आ रहे हैं। 6 वर्षों से इस क्षेत्र में प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद को कुछ चाटुकारों ने अपनी राजनीतिक रंगत में इस तरह उलझा लिया है कि वह देवास मैं खुलेआम जनप्रतिनिधियों के खिलाफ माहौल बनाने का काम कर रहे हैं। पिछले दिनों गणेश मंदिर के नवनिर्माण के दौरान निगम अध्यक्ष पर भी सांसद के द्वारा भू माफिया होने की टीका टिप्पणी की गई थी इतना ही नहीं सनातन धर्म की आड़ में भूमिया का खेल होने का दावा किया गया था। हालांकि श्री गणेश मंदिर के निर्माण हेतु ₹100000 की राशि सांसद निधि से दिए जाने का पत्र भी सांसद की ओर से देकर मामले मैं लीपापोती करने का प्रयास हुआ किंतु नगर पालिका अध्यक्ष के द्वारा उक्त राशि का पत्र वापस लौटाकर सांसद और उनके समर्थकों के मंसूबों पर पानी फेर दिया गया था। इतना ही नहीं सांसद के द्वारा शहर की प्रथम नागरिक महापोर के खिलाफ भी राजनीतिक परिदृश्य बनाने के प्रयास किए गए। देवास से जुड़े हमारे राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि यह सब देवास की राजनीति के कर्णधार राजघराने परिवार को राजनीतिक सबक सिखाने के लिए उठाए गए कदम है। और यह सब सिर्फ इसलिए हो रहा है कि यहां से सांसद कोटे से जब भी उनके समर्थकों चुनाव मैदान में उतारा जाता है उन्हें चुनाव में हार का स्वाद चखना पड़ता है। तब से ही हारे हुए भाजपा नेता के द्वारा सांसद को राजनीतिक भ्रम मैं उलझाकर राजघराना परिवार की विधायक के खिलाफ और उनके समर्थकों को नीचा दिखाने के लिए हिनतम हथकंडे अपनाऐ जा रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप देवास की राजनीति में भूचाल की स्थिति निर्मित हो गई है।
सांसद समर्थको के द्वारा विधायक एवं उनके समर्थको के खिलाफ राजनीतिक द्वंद छिड़े होने का नजारा भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष खामोशी के साथ देख रहे हैं। जबकि होना यह चाहिए कि उन्हें इस मामले में एक्शन मोड में आकर जनप्रतिनिधियों के द्वारा जिस प्रकार से कीचड़ उछालने की राजनीति की जा रही है उसे पर त्वरित ही करवाई की जाना भाजपा संगठन हित में होता। वैसे भाजपा शहर जिला अध्यक्ष इस राजनीतिक रंगत की जानकारी प्रदेश मुख्यालय पर देकर भी भी अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं लेकिन उनके द्वारा अभी तक इस मसले को लेकर खामोशी ही धारण की गई है निश्चित ही यह खामोशी आने वाले समय में देवास में भाजपा को नुकसान पहुंचा सकती है।