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छात्र पर हमला कर किया अपहरण, पुलिस ने मामूली धाराओं में प्रकरण पंजीकृत कर आरोपियों को दी राहत

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घनश्याम शर्मा

उज्जैन/ पवासा थाना अंतर्गत 16 जून को सुबह 9:30 बजे के करीब अपने घर से बाजार की ओर जा रहे ब्राह्मण समाज के एक 20 वर्षीय युवक को पाटीदार समाज के एक परिवार ने घेराबंदी का रास्ते में रोक लिया और लाठियों से प्रहार युवक के हाथ पैर फैक्चर कर दिए तथा हत्या करने की नीयत से सर पर गंभीर चोट पहुंचाई। हमलावरो ने इसके बाद युवक को अगवा कर लिया और उसे अपने फार्म हाउस पर ले जाकर बंधक बना लिया जब इस घटना की जानकारी लहूलूहान हुए अप्रहत युवक के परिजनों को लगी तो उसकी माता तथा भाई उसे छुड़ाने के लिए बंधक बनाए गए स्थान पर पहुंचे जहां आरोपियों ने युवक की माता के साथ शर्मनाक घटना को अंजाम देने का प्रयास किया। मामले में संबंधित थाना पुलिस ने आरोपियों से चांदी के जूते खाकर उनके विरुद्ध मामूली धाराओं में प्रकरण बनाकर अपने कर्तव्य की तीसरी कर ली जबकि घटना में घायल हुआ युवा के आज भी सरकारी अस्पताल में उपचारत है।

इस घटना के संबंध में पीड़ित परिवार ने दैनिक राजनीतिक क्रांति के स्थानिय कार्यालय पर आकर आप बीती सुनाई। घटना के संबंध में पीड़ित परिवार का कहना था कि उनका पुत्र अंशुल पिता संजय शर्मा उम्र 20 वर्ष डिपार्टमेंट का छात्र है। 16 जून को वह अपनी मोटरसाइकिल से 9:30 बजे के करीब अपने घर ताजपुर से निकला गांव के रास्ते में तीन मोटरसाइकिल पर आए पांच लोगों ने उसे घेराबंदी करके रोक लिया और लाठियो से प्रहार कर अंशुल के हाथ पैर फैक्चर कर दिए वही उसके सिर में भी गंभीर चोट आने से जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया है। बताते हैं कि सर में करीब सात टांके आए हैं। अंशुल के माता-पिता के अनुसार इस हमले की घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी घायल को शिव शक्ति वेयर हाउस मक्सी रोड के पीछे बने हुए अपने फार्म हाउस पर ले गए। जहां उसे बंधक बनाकर रखा गया। इस बीच उन्हें ग्रामीणों से जानकारी लगने पर अंशुल की माता और उसका भाई छुड़ाने के लिए फार्म हाउस पहुंच गए जहां आरोपियों ने अंशुल की माता के कपड़े तार तार कर उन्हें अर्धनग्न करने का प्रयास किया। जैसे तैसे अंशुल की मां अपने घायल बेटे को लेकर वहां से निकल पाई और इलाज हेतु अस्पताल लाया गया। 21 दिनों से अंशुल जिला चिकित्सालय में उपचारत है। इधर पुलिस ने आरोपी विष्णु सुभाष कमल धर्मेंद्र को मामूली धारा में हिरासत में लेकर उनकी जमानत ले ली।

पर्दे के पीछे की कहानी

इस मामले में अंशुल के माता-पिता का कहना है कि पाटीदार परिवार की लड़की उनके लड़के अंशुल के साथ विवाह रचाना चाहती है। जिसके लिए उसके द्वारा अपने बालिग होने के दस्तावेज जिसमें अंक सूची और आधार कार्ड अंशुल के पास भेंजे थे। जब हमें इस बात की जानकारी लगी तो हमारे द्वारा उसके सभी दस्तावेज घर जाकर लड़की के परिजनों के देकर उन्हें वस्तु स्थिति से अवगत करवाया था। वही अंशुल को चार माह से राजस्थान में अपने रिश्तेदार के यहां भेज दिया था। आरोपियों ने उसके गांव लौटते ही इस घटना को अंजाम दिया है।

पुलिस कर्मी ने किया इस मामले में खेला

बताते हैं कि इस घटना को अंजाम देने के बाद आर्थिक रूप से सक्षम पाटीदार समाज के आरोपियों ने अपने मुंह लगे एक पुलिसकर्मी के माध्यम से थाने में करीब ₹300000 का लेन देन कर प्रकरण में सब लीपा पोती करवा दी। यानी कि पुलिस ने फरियादी की रिपोर्ट पर मामूली धारा में प्रकरण दर्ज का आरोपियों को जमानत दे दी जबकि इस घटना में अंशुल 21 दिन से जिला चिकित्सालय चरक भवन में इलाज ले रहा है उसके हाथ और पर दोनों में फेक्चर है। तथा सिर में गंभीर चोट आई है इसके बाद भी पुलिस ने आरोपियों को क्लीन चीट देने का प्रयास किया है।

मेडिकल रिपोर्ट का भी इंतजार नहीं किया

पुलिस को आर्थिक रूप से सक्षम पाटीदार समाज के इन आरोपियों ने अपने प्रभाव में इस कदर ले लिया कि अंशुल की मेडिकल रिपोर्ट का भी इंतजार नहीं किया और प्रकरण को मामूली धारा में तब्दील कर उन्हें जमानत देने का दुःसाहस दिखाया। जबकि पुलिस इस प्रकरण में जांच पड़ताल करती तो पूरी कहानी का सच सामने आता। यह घटना मारपीट या अगवा करना यही तक सीमित नहीं है इस मामले में एक महिला की इज्जत को भी तर तर करने का प्रयास आरोपी गणों ने किया है जिनके विरुद्ध विधि अनुसार कार्रवाई होना आवश्यक थी।

ब्राह्मण समाज की खामोशी से पीड़ित परिवार हो रहा है परेशान

ताजपुर में चाय की होटल संचालित करने वाले संजय शर्मा का साथ देने के लिए अभी तक ब्राह्मण समाज का कोई सा भी संगठन सामने नहीं आया है जबकि छोटे-छोटे मामलों में ब्राह्मण समाज के संगठन अपनी अपनी दुकानदारी जमाने के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच जाते हैं और धरना आंदोलन ज्ञापन आदि देकर दबाव बनाते हैं लेकिन इस मामले में किसी भी संगठन के द्वारा संजय शर्मा के परिवार का साथ नहीं दिया गया है जिससे गरीब ब्राह्मण परिवार संपन्न पाटीदार परिवार से भयभीत है।