संपादक राजकुमार अग्रवाल की कलम से
लव जिहाद आज के इस तेज भागते दौड़ते भारत देश में एक धीर गंभीर बड़ी समस्या बन चुकी है….. देश के महानगर और नगर मैं पांव पसारने के बाद अब यह समस्या भारत के छोटे ग्रामीण इलाकों तक अपने पैर फैलती हुई नजर आ रही है….. जबकि देश में सनातन धर्म की सरकार एक दशक पूर्ण कर कर दूसरे दशक की ओर बढ़ रही है ऐसे में सनातन धर्म पर लव जिहाद नाम का हमला सनातन धर्म संस्कृति पर सीधे-सीधे प्रहार है….. कट्टर हिंदूवादी संगठन लव जिहाद के खिलाफ सदैव सक्रिय भूमिका मैं नजर आते हैं, लव जिहाद के मामले पकड़ कर पुलिस तक पहुचाते भी है …. पुलिस भी ऐसे मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई कर लव जिहादी को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ती….. लव जिहाद के मामलों में ऐसे ऐसे खौफनाक घटनाक्रम सामने आ चुके हैं जिसे पढ़कर सुनकर और देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं…. लेकिन इस सब के बावजूद हम सबक नहीं ले पा रहे हैं….. आधुनिकता के नाम पर हम अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति सनातन धर्म से दूर करते हुए पाश्चात्य संस्कृति की ओर ले जाने में अपनी शान समझते हैं….. और यहीं से हम अपने बच्चों को पतन के गर्त में डुबोने की ओर अपने कदम बढ़ा देते हैं….. हालांकि यह कदम बच्चों के प्रति प्यार को दृष्टिगत रखते हुए उठाए जाते हैं लेकिन इसका दूसरा पक्ष हम भूल जाते हैं कि कहीं कोई इसका नाजायज फायदा उठाकर हमारे बच्चों का शोषण ना कर ले…… और फिर बच्चों के साथ हम और हमारी संस्कृति शर्मसार हो जाती है….. अब तो लव जिहाद को लेकर बहुत कुछ स्थितियां स्पष्ट हो चुकी है…… लव जिहाद के लिए कट्टरपंथी युवा को धन और सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है….. जिहादी तत्व हिंदू परिवार को अपना शिकार बनाने के बाद धर्म परिवर्तन की नीति अपना कर सनातन धर्म को चुनौती देने से बाज नहीं आते हैं….. हमारी छोटी सी भूल या थोड़ा सा प्यार बच्चों को कहां ले जाकर किसी समस्या में उलझा देता है यह हमें तब समझ में आता है जब हम शिकार हो जाते हैं…… हमें सो चनाहोगा समझना होगा और हमारे बच्चों को सनातन धर्म की ओर प्रेरित करना होगा….. जब हमारे बच्चे सनातन धर्म से जुड़ जाएंगे तो उनका रहन-सहन खूद ब खुद सुधर जाएगा….. वे भारतीय संस्कृति और भारतीय पहनावे को अपनाएंगे पाश्चात्य संस्कृति से दूरी बना लेंगे…. और फिर लव जिहाद का शिकार होने से भी बच जाएंगे…… सीधे-सीधे कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा कि लव जिहाद नाम की समस्या का समाधान सिर्फ सनातन धर्म है….. हमें कट्टर पंयोंथी से सबक लेना होगा कि वे अपने धर्म के लिए दूसरे धर्म को किस प्रकार पद भ्रष्ट कर रहे हैं….. कुल मिलाकर हम अपने बच्चों को शिक्षा के साथ सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति से जुड़े रहने के लिए सदैव प्रेरित करते रहे….. हमारा यह छोटा सा प्रयास बच्चों के जीवन में सदैव खुशहाली बनाए रखेगा….. लव जिहाद के मामलों में बच्चों से ज्यादा हम अभिभावक दोषी होते हैं….. यह बात हमें समझना होगी हमें सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए खुद को तैयार करना होगा तब हम अपने बच्चों को लव जिहाद का शिकार होने से बचा पाएंगे……।