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जिज्ञासा और समाधान

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????????नवीन सांखला ????

????मै घर या मन्दिर जाकर जब भी भगवान की पूजा या मन्त्र की और ध्यान करता हूँ, मन इधर उधर भटकता है ? क्या पूजा मन्त्र सफल होती है ? मन को कैसे स्थिर करे? ????

समाधान
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????आप ही अकेले नही करीबन 90 प्रतिशत इंसान पूजा, पाठ, मन्त्र का जाप करते समय उनमे एकाग्रता नही रहती है । जिसमे आधे से ज्यादा भक्तगण तो मन्दिर सिर्फ सामाजिक होने के कारण जाते है, और भगवान को दृष्टिगत करते हुए मन्त्रो के जाप की जगह व्यापार और समस्याओं की और मन मे ध्यान लगाते रहते है ।

????आप कितनी देर पूजा,पाठ मन्दिर मे रहते हो ये आवश्यक नही है, आवश्यक ये है की आपके मन की एकाग्रता ईश्वर के प्रति कितनी रहती है ।

????जैसे जब हम घर मे लाइट का बटन चालू करते है तो सबसे पहले लाइट नही चालू होती, सबसे पहले मीटर चालू होता है, यदि मीटर बन्द है तो आप कितना ही स्वीच दबाओ लाइट नही चालू होगी, उसी तरह हम मन्दिर जाकर कितना भी बैठे, पूजा पाठ मन्त्र आदि का जप करे,जब तक मन से ईश्वर के प्रति ध्यान नही लगेगा कोई मतलब नही ।

???? कुछ उपाय आज आपको बता रहा हूँ की किन उपाय से हम ईश्वर की आराधना,मन्त्र जप कर अपने अंदर शक्ति पा सकते है ।

????नामजप की गिनती करें इसके लिए जपमाला अथवा गणकयंत्र (काऊंटर) का उपयोग कर सकते हैं । इससे मन एकाग्र होने में सहायता मिलेगी ,और आपकी पूजा सफल होगी ,साथ ही मन इधर उधर नही भटकेगा ।

????अपने इष्ट देव देवी का नामजप करते समय जब मन भटकने लगे, तब जप उच्च स्वर में करना अथवा नामजप की सीडी लगाना उपयोगी होता है । अनावश्यक विचार घटने पर कुछ मात्रा में मन की एकाग्रता साध्य होती है और मन में नामजप करना संभव होने लगता है ।

????यदि आप रोज एक माला का जप करते हो तो कुछ समय के लिये
मन की एकाग्रता बढाने के लिये नामजप की गति बढा सकते हैं तथा एकाग्रता साध्य होने पर गति घटा सकते हैं ।

????मन्त्र जप के समय सादे वस्त्र ही पहने,कभी कभी आप टाइट जीन्स या शर्ट पहनते हो तो बैठते समय आपका ध्यान बार बार कपड़ो की और ही जाता है ।

????मन एकाग्र करने में हमें अडचन आ रही हो, तो किसी कोलाहल मुक्त स्थान पर अथवा प्राकृतिक स्थान में अथवा पूजाघर के सामने बैठकर नामजप कर सकते हैं; क्योंकि, ऐसे स्थानों में सात्त्विकता अधिक होती है ।आप चाहे तो गौशाला, या शहर से दूर किसी मन्दिर मे जाकर भी जप कर सकते हो ।

????जाप करते समय या मन्दिर प्रवेश समय मोबाइल बन्द कर दे, क्योंकि जब हम मन्दिर मे पूजा करते या मन्त्र जप करते उस समय मोबाइल बजता है तो मन अस्थिर हो जाता हो जाता है,और ध्यान भटक जाता है ।
????सोने से पूर्व तथा सोकर जागने के पश्चात मन में सांसारिक विचार अल्प होने के कारण मन नामजप में कुछ मात्रा में एकाग्र हो सकता है ।जब आप सुबह सोकर उठते हो तब 5 से 10 मिनिट बिस्तर पर ही मौन रहकर भगवान का ध्यान करे, इसका भी सकारात्मक प्रभाव पढ़ता है, इसी तरह रात को सोते समय भी करे ।

????जब हम श्वास लेते हैं, तब हमारे भीतर वायु के साथ वायुमंडल के विचार भी आते हैं । नामजप को श्वास के साथ जोडने से, इन विचारों का हम पर होने वाला प्रभाव घट जाता है ।

????दोनों हाथों की तर्जनी और अंगूठे के सिरे एक-दूसरे से जोडें । इसे मुद्रा कहते हैं । इससे विचार न्यून होकर नामजप में एकाग्रता आती है ।

????ये सत्य है की ईश्वर द्वारा प्रदत्त सभी मन्त्रो मे शक्ति होती है, हर धर्म के अलग अलग मन्त्र होते है, हर भगवान के मन्त्र होते है, आप जब भी जप करे, किसी एक ईश्वर के मन्त्र को सिद्ध कर ले ।

????इस विषय पर और भी चर्चा बाकि है, जो हम आगे बताते रहेगे ।
????????नवीन सांखला ????????