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मासूमा के दुष्कर्मी हत्यारे को आजीवन कारावास

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उज्जैन /न्यायालय विजय कुमार पाण्डेय विशेष न्यायाधीश, एस.सी.एस.टी. (पी.ओ.ए.) एक्ट उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी शिवा, निवासी- अंतर्गत थाना महाकाल क्षेत्र, उज्जैन को भादवि की धारा 449 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 363 में 03 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 366,201 में 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास,धारा 302 में आजीवन कारावास,धारा 376 एबी में मृत्यु पर्यन्त तक का आजीवन कारावास तथा अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(2)(5) में आजीवन कारावास एवं कुल 1500/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
उप-संचालक (अभियोजन) प्रशासन डॉ. साकेत व्यास ने बताया कि 07 जून 2019 को फरियादी ने थाना महाकाल में रिपोर्ट लेख कराई कि मैं करीबन 06 माह पहले ही काम करने के लिए मय परिवार के उज्जैन में आया था। मेरी तीन लडकी है जिसमें एक लडकी की उम्र 5 साल है तथा मेरे साथ में मेरा परिवार रहता है। मैं ईंट भट्टा पर काम करता हूं तथा वही पर निवास करता हूँ। हम रोजाना की तरह खाना खाकर सोये थे तीन टापरी में से एक टापरी में, मैं व मेरी पत्नी तथा छोटा लड़का, दूसरी टापरी में मेरा भाई व उसका परिवार व तीसरी टापरी में मेरे माता-पिता, छोटा भाई तथा मेरी तीनों लड़कियाँ सोईं थी। रात्री करीबन 03ः00 बजे मेरे पिताजी पानी पीने के लिए जागे तब तक मेरी 05 साल की लडकी सोती हुई दिखी थी मेरे पिताजी पानी पीकर फिर सो गए। हम लोग रोजाना काम करने के वास्ते सुबह 05ः00 बजे जाग जाते हैं सुबह 05ः00 बजे जागकर देखा तो मेरी बच्ची 05 वर्ष की वहाँ पर नहीं दिखी तथा टापरी के दरवाजे के पास की दो ईंटें नीचे गिरी दिखी व दरवाजा खुला दिखा, तो मैंने व मेरे परिवार वालों ने आसपास सभी जगह तलाश किया तो मेरी बच्ची पांच वर्ष की कहीं नहीं मिली मुझे शंका है कि कोई अज्ञात बदमाश मेरी नाबालिग बच्ची को बहला फुसलाकर ले गया है।
फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध थाना महाकाल पर अपराध पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान विवेचक द्वारा घटनास्थल का निरिक्षण किया गया। आस-पास के क्षेत्रों में अपह्त बालिका की तलाश की किंतु नहीं मिली। दोपहर करीब 02ः30 बजे सूचना प्राप्त हुई कि एक बालिका का शव क्षिप्रा नदी में तैर रहा है। मौके पर विवेचक व थाना प्रभारी निरीक्षक पहुॅचे शव को नदी से बाहर निकलवाया गया शव का परीक्षण करके उसकी चेहरे आदि पर चोटों के निशान दिखाई देने से प्रकरण में धारा 302,201 भादवि इजाफा किया गया व प्रकरण की अग्रिम विवेचना निरीक्षक अरविंद सिंह तोमर द्वारा प्रारंभ की गई मौके पर पुलिस फोटोग्राफर के द्वारा कार्यवाही के फोटोग्राफ लिये गये। बालिका का शव नदी से बाहर निकाला गया। फरियादी व उसके घरवालों ने शव की पहचान उनकी बालिका के रूप में की।
विवेचना के दौरान शव मिलने के स्थान क्षिप्रा नदी व फरियादी के घर के मध्य खेत में खून, ईंट के दो टुकडे खून लगे, एक हरे रंग की स्लेक्स मिले। मौके पर उक्त वस्तुऐं जप्त की गई तथा थोडी दूरी पर खेत से अंग्रेजी शराब का खाली क्वाटर, एक ब्लूचीफ का खाली क्वाटर को विधिवत जप्त किया। क्षिप्रा नदी का पानी प्लास्टिक की बोतल में मौके पर जप्त किया। मृतिका का पी.एम.करवाया गया। 08 जून 2019 को मृतिका बालिका की पी.एम. रिपोर्ट प्राप्त की गई। पी.एम. रिपोर्ट का अवलोकन करने पर बालिका के साथ दुष्कर्म किये जाने के तथ्य आने पर प्रकरण में धारा 376 एबी, 201 भा.द.वि. धारा 5/6 पोक्सो एक्ट का इजाफा किया गया।
विवेचना के दौरान आरोपी शिवा को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में विवेचना हेतु पुलिस अधीक्षक उज्जैन द्वारा न.पु.अ. हंसराज सिंह (भा.पु.से.) महाकाल अनुभाग उज्जैन को नियुक्त किया। मृतिका की फीमर बोन व क्षिप्रा नदी का पानी डायटम टेस्ट हेतु भेजा गया। प्रकरण में डायटम टेस्ट
की जांच रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हुई, मृतिका की मृत्यु डूबने से नहीं हुई। प्रकरण में डीएनए परीक्षण सागर से कराया गया। प्रकरण में डीएनए जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। प्रकरण में मृतिका को आई चोट प्रकरण में जप्तशुदा ईट के टुकडों से आना संभव है की क्यूरी पी.एम. कर्ता डॉक्टर से करवाई जिसमे डॉक्टर द्वारा लेख किया कि मृतिका को पीएम रिपोर्ट की अंकित चोटें, जप्तशुदा ईट के टुकडे से आना संभव होना बताया। पुलिस महानिरीक्षक राकेश गुप्ता द्वारा मामले की गम्भीरता को देखते हुये एस.आई.टी. का गठन किया गया जिसमें विधिक परामर्श हेतु डॉ साकेत व्यास को दायित्व सौंपा गया था जिनके द्वारा अनुसंधान अधिकारी को विधिक परामर्श दिया गया था। विवेचना पूर्ण कर आरोपी के विरूद्ध न्यायालय में अभियोग पत्र पेश किया गया था। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी आर.के. चन्देल उप-संचालक (अजाक), जिला उज्जैन द्वारा की गई।