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उज्जैन में फर्जी बीमा करने वाले एजेंट और उसके साथियों को आजीवन कारावास की सजा

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उज्जैन /विशेष न्यायालय न्यायालय अरविन्द रघुवंशी, अष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपीगण 01. सिराज चौधरी पिता ताज चौधरी उम्र 54 वर्ष निवासी ढाबा रोड उज्जैन 02. अश्विनी उर्फ सोनू पिता विजय पंड्या, उम्र 22 वर्ष निवासी टेलीकॉम कॉलोनी वेद नगर उज्जैन को प्रत्येक आरोपीगण को धारा 302/120-बी में आजीवन कारावास एवं धारा 467, 468 भादवि में 03-03 वर्ष का कारावास एवं धारा 471 भादवि में 01-01 वर्ष का कारावास एवं कुल 5,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
उप-संचालक (अभियोजन) डॉ. साकेत व्यास ने बताया कि 10 जनवरी 2006 को रात्रि में टेलीफोन द्वारा सुनिल भावसार ने थाना जीवाजीगंज पर सूचना दी की, किसी ने दिलीप पंड्या के मकान में घुसकर धार-धार हत्यार से दिलीप के गले में गंभीर चोट पहुचाई है। सूचना पर सहा0 उपनिरीक्षक घटना स्थल पर पहुचें, तब तक दिलीप पंड्या को सी.एच उज्जैन लेकर गये है। वहा पर पहुचने पर थाना प्रभारी एम.एस. शक्तावत भी आ गये तो ज्ञात हुआ कि दिलीप पंड्या की मृत्यु हो चुकी है। सुनिल ने बताया दिनांक 10 जनवरी 2006 कि रात्रि मकान नम्बर 2 विश्वनाथ पंड्य का मकान पोरवाल धर्मशाला की गली दानीगेट उज्जैन, उसके पडोस से आवाज आने पर उसने दिलीप पंड्या के मकान पर जाकर देखा तो उसके दरवाजे के बाहर से चिटकनी लगी थी। प्रयास कर घर के अन्दर जाने पर देखा तो दिलीप पंड्या बैठे थे जिनके गले में खून निकल रहा था। सुनिल के बताये अनुसार देहाती नालसी लेखबद्ध की गई तथा थाना जीवाजीगंज पर अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। अनुसंधान के दौरान पुलिस थाना जीवाजीगंज द्वारा यह पाया गया कि अभियुक्तगण सिराज, विनोद, गब्बर, शकील, अश्विनी, प्रभाशंकर एवं नबाव ने षड्यंत्र पूर्वक दिलीप पंड्या के नाम से 05-05 लाख की दो बीमा पॉलिसीया अवैध लाभ हेतु तथा चोला मण्डलम् व ओरियंटल इश्ंयोरेंस कम्पनी की लगभग 43,00,000/- रूपये के प्रपोजल फार्म बीमा कम्पनी से छल करने हेतु तैयार किये। विनोद को दिपीप पंड्या के मकान के पास किराये ने मकान दिलाया गया, तथा अभियुक्तगण द्वारा षड्यंत्र पूर्वक दिलीप पंड्या की हत्या भी कर दी गई। आरोपी सिराज से दिलीप पंड्या की मूल मार्कशीट जिसके आधार पर दिलीप पंड्या की जीवन बीमा पालिसी ली गई थी। आरोपी अश्विनी पंड्या से विनोद का किरायेदारी का इकरारनामा जप्त किया गया।
विचारण के दौरान अभियोजन के द्वारा आरोपीगण सिराज एवं अश्विनी पंड्या, प्रभाशंकर के आरोप को न्यायालय में संदेह से परे प्रमाणित किया गया।
न्यायालय द्वारा आरोपी प्रभाशंकर को भी दोषी पाया गया है किन्तु वह अस्वस्थता के कारण न्यायालय में उपस्थित नही हो पाया।
विचारण द्वारा विनोद की मृत्यु हो चुकी है। न्यायालय द्वारा आरोपी गब्बर, शकील व नबाव को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया है।
दण्ड के प्रश्न पर अभियुक्तगण द्वारा निवेदन किया गया कि वह एक नवयुवक एवं एक वृद्ध है, इसलिए उन्हें न्यूनतम दण्ड से दण्डित किया जाने का निवेदन किया गया। अभियोजन अधिकारी द्वारा अभियुक्त को अधिकतम दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया।
न्यायालय की टिप्पणीः- अभियुक्त द्वारा मृतक दिलीप पंड्या की षडं्यत्र पूर्वक कूटरचित जीवन बीमा पालिसी तैयार कर उसकी हत्या कारित की गई है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी मुकेश कुमार कुन्हारे अपर लोक अभियोजक, जिला उज्जैन द्वारा की गई।