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ताजुल औलिया हज़रत नियाज़ अली शाह का 130 उर्स शुरू

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नवाबों के शहर से आई मखमली,हैदराबाद के यज़दानी बाबा ने पेश की चादर
इंदौर/( ताहिर कमाल सिद्दीकी द्वारा )बान की धुनी और इत्र से पूरा माहौल महक रहा था। जैसे ही तुकोगंज पर ताजुल औलिया हज़रत नियाज़ अली शाह की दरगाह पर मखमली चादर पेश की गई तो अक़ीदत से लबरेज़ माहौल की कैफ़ियत बयां नहीं की जा सकती। उर्स में हैदराबाद के मीर मुज़्तबा यज़दानी बाबा ने हरे रंग की मखमली रिवायती चादर शरीफ पेश की। चादर पर अरबी भाषा मे कलमा लिखा हुआ था। 1982 से यज़दानी बाबा साहब अपने मुरीदों के साथ नवाबों के शहर हैदराबाद से परम्परागत चादर शरीफ लेकर हाज़िर हो रहे हैं । युवा ख़िदमतगार (सेवक) सादिक़ पाशा ने बताया कि सालाना उर्स का आगाज़ क़ुरआन ख़्वानी व फातिहा के साथ हुआ। इसके बाद मुफ़्ती-ए-मालवा मौलाना नूरुलहक़ नूरी,मौलाना अमीन बरकाती बरकाती, भाजपा नेता मोहम्मद अनीस खान की मौजूदगी में हैदराबाद के सूफी हज़रत मीर मुज्तबा यजदानी बाबा साहब ने अपने मुरीदों के साथ अदब व एहतराम के साथ चादर पेश की। ख़ासकर यज़दानी बाबा के मुरीद जब सफेद लिबास में साफा बांधे अदब के दरगाह पर हाज़िर हुए तो सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया। आस्ताने पर यजदानी बाबा की जानिब से बड़े पैमाने पर लंगर भी रखा,जो दिनभर चलता रहा। देश की खुशहाली और बेहतर बारिश के लिए विशेष दुआ भी मांगी गई। दरगाह को फूलों और रंगबिरंगी रोशनी से सजाया गया। सभी धर्म के मानने वाले श्रध्दा के साथ मान मन्नत लेकर हाज़िर हुए।