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मासूम के अपहरणकर्ताओं को 3 वर्ष की सजा

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उज्जैन /न्यायालय श्रीमती अलका दुबे, दशम अपर सत्र न्यायाधीश, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी शराफत पिता शफी खान, उम्र 25 वर्ष निवासी थाना अंतर्गत जीवाजीगंज जिला उज्जैन को धारा 363 भादवि में आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
उप-संचालक (अभियोजन) डॉ. साकेत व्यास ने अभियोजन की घटना अनुसार बताया कि घटना इस प्रकार है कि दिनांक 08.05.2018 को फरियादिया ने अपने भतीजी व जमाई और लडकी के साथ थाना जीवाजीगंज आकर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि मैं उज्जैन में निवास करती हूॅ, तथा में अपने पीयर के घर मंे किराने कि दुकान चलाती हूं मेरी लड़की मेरे रिश्तेदार के पास रहती है। आज रात 09 बजे की बात है मैं अपनी दुकान पर बैठी थी मेरी बच्ची जिसकी उम्र 5 वर्ष है वह दुकान के सामने खेल रही थी तभी आरोपी शराफत वहां पर आया और मेरी बच्ची को उठा कर अपने कमरे की तरफ ले जाने लगा और मेरी बच्ची के साथ बुरी नीयत से उसके साथ छेडछाड कर रहा था तो मेरे पड़ोस में रहने वाले पडोसियों को बुलाया और उनके द्वारा पीड़िता की बच्ची को आरोपी से छुडा लिया गया। पीड़िता की मां ने थाना जीवाजीगंज में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध करायी। थाना जीवाजीगंज द्वारा आरोपी के विरूद्ध विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
दण्ड प्रश्न पर सुने जाने पर आरोपी के अधिवक्ता द्वारा यह निवेदन किया गया कि, आरोपी का यह प्रथम अपराध है, उसकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है, एवं उसकी उम्र लगभग 25 वर्ष है, उस पर अपने परिवार का भरण-पोषण का दायित्व है तथा वह अपने परिवार का एक मात्र कमाने वाला व्यक्ति है। अतः उसकी सजा पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाये।
अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने आरोपी के कृत्य को गंभीर बताते हुये अधिकतम दण्ड दिये जाने का निवेदन किया गया।
न्यायालय की टिप्पणी- अपराध की प्रकृति और प्रकरण के समग्र तथ्य और परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी किसी सहानुभूति का पात्र नही हैं।
अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री सूरज बछेरिया, अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी, जिला उज्जैन द्वारा पैरवी की गई।