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श्री नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर का विवाद गहराया, पत्रकार वार्ता में आरोप-प्रत्यारोप लगाए

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उज्जैन/निलंगंगा चौराहे पर श्री नीलकंठेश्वर महोदव मंदिर को लेकर गंगा दशमी से शुरू हुआ विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ क्षेत्रीय निवासी आंदोलित हो चुके हैं वही दूसरी और जूना अखाड़ा के द्वारा भी पत्रकार वार्ता लेकर अपना पक्ष रखा गया है ।

वर्ष 1990 से क्षेत्रिय रहवासियों की संचालित नागरिक समिति द्वारा शासकीय भूमि स्थित इस मंदिर का रखरखाव पुजन-अर्चन किया जा रहा है। समय-समय पर क्षेत्रिय नागरीकों के द्वारा क्षेत्रिय एवं धर्मिक श्री शिव उत्सव एवं अन्य धार्मिक उत्सवो का आयोजन मंदिर परिसर में किया जाता है।

नीलगंगा चौराहा एवं आस-पास के समस्त रहवासी आर्थिक रूप से कमजोर होकर मजदुरी कर जीवन यापन करते है। शासन के विभीन्न विभागों सांसद निधि, विधायक निधि व पार्षद निधि व अन्य जन प्रतिनिधियों व समाज और क्षेत्रिय रहवासियों के सहयोग से मंदिर परिसर में सामुदायक भवन बना है। जिसका संचालन क्षेत्रिय रहवासिगणों की समिति द्वारा किया जाता रहा है। सामुदायक भवन गरीब नागरिकों को चंदे से स्थापित बर्तन रसोई का सामान न्युनतम किराये पर दिया जाता है।
श्री नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर के समीप जुना अखाड़ा के माध्यम से आश्रम बनाकर अवैध व नियत विरूद्ध तरिके से शिवांजली होटल चलाई जा रही है। जिसमें बाहर से आने वाले यात्रियों को ठहराया जाता है और मनमाने तरिके से होटल का किराया यात्रियों से वसूल किया जाता है।

जुना आखाडा के साधु संतो के द्वारा कुटरचित व जाली दस्तावेजों के माध्यम से तहसीलदार उज्जैन के समक्ष आवेदन कर उक्त श्री नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर एवं सामुदायिक भवन पर अवैध कब्जे का आदेश तहसीलदार से पारित करा कर कब्जा ले लिया है।

ज्ञातव्य हो कि जुना आखाडा द्वारा शासन से निधि प्राप्त कर अपने परिसर में आखाडे का निर्माण किया था, जिसका विधिवत उपयोग संत समाज के लिए होना चाहिए था, परंतु जुना अखाडा द्वारा उक्त भवन होटल के लिए ठेके पर गोविन्द सोलंकी व राहुल कटारिया को दे दिया गया है। जिसमें उक्त शिवाजली होटल संचालित है। होटल में यात्रियों को ठहराया जा रहा है तथा नई उमर के लड़के व लड़कियों को अवैध कार्य के लिए मनमाना कार्य के लिए मनमाने किराया वसूल किया जा रहा है, तथा शिवांजली होटल में अवैध गतिविधि संचालित की जा रही है। होटल में ठहरे यात्रियों द्वारा मंदिरापान का सेवन किया जाता है तथा मंदिरापान की खाली बोतल व अन्य सामग्री होटल से लगी (गुप्त गंगा सागर) में फैकी जाती है, जिससे गुप्त गंगा को अपवित्र किया जा रहा है।

स्थानीय क्षेत्रिय रहवासी एवं सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप राव गोरकर (दिलु पहलवान) के अनुसार जुना आखाडे के संतों द्वारा अखाड़े से लगी श्याम सहकारी गृहनिर्माण संस्था मर्यादित उज्जैन कि स्वत्व एवं स्वामित्व की साढ़े पाच बीघा भूमि पर कब्जा कर अवैधानिक रूप से शिवांजली वैवाहिक गार्डन अवैधानिक व नियम विरूद्ध संचालित किया जा रहा है, संस्था द्वारा न्यायालय में जुना अखाड़ा के विरूद्ध प्रकरण चलायमान है, जिसे श्याम सहकारी गृह निर्माण संस्था उज्जैन के पक्ष में स्थगन आदेश दिया गया है। इसके बावजूद जुना अखाडा द्वारा निरंतर मेरिज व अन्य मांगलिक कार्य के लिए गार्डन का संचालन किया जा रहा है। संस्था द्वारा अखाडे के विरूद्ध दो अवमानना का दावा न्यायालय में विचारधीन है, इसके पश्चात भी इनके द्वारा अवैधानिक रूप से संस्था की जमीन पर न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर मेरिज व मांगलिक कार्य के लिये गार्डन का संचालन बैखोफ किया जा रहा है, साथ ही श्री निलकंठेश्वर महादेव तथा सामुदायिक भवन पर अवैध कब्जा कर लिया है।

क्षेत्र के समस्त रहवासीगण हिन्दु समाज के सनातनी बंधुओं का प्रशासन से आग्रह है कि श्री नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर एवं सामुदायिक भवन का कब्जा नागरिकों को दिलाया जाये एवं जुना अखाडे द्वारा जो शिवांगी होटल का अवैध चलाया जा रहा है। उसको तत्काल प्रभाव से बंद कराया जाये, साथ ही श्याम गृह निर्माण संस्था कि भूमि पर वैवाहिक गार्डन संचालित किया जा रहा है। उसे तत्काल प्रभाव से बंद करने की कार्यवाही की जावे, अन्यथा क्रमवार आंदोलन किया जावेगा।