उज्जैन /फाग उत्सव के पावन पर्व पर बाबा के दरबार में भक्तों का जनसैलाब देखने को मिला बाबा श्री खाटू श्याम के वैसे तो अनगिनत भक्त हैं। परंतु श्री राम दरबार महल पर विराजमान खाटू श्याम का सुंदर अद्भुत सिंगार देखने को व्याकुल भक्त दूर-दूर से भेरूगढ़ रोड स्थित श्री राम दरबार महल पर पहुंचे जहां श्री खाटू श्याम के दिव्य दर्शन के साथ भक्तों ने भक्ति भजनों पर खूब झूम कर जय कारे लगाए।भैरवगढ़ रोड स्थित श्रीराम महल में खाटू श्याम बाबा के फाग महोत्सव का आयोजन बड़ी धूमधाम से शनिवार को शाम 7 बजे मनाया गया। चमत्कारी वहां अद्भुत है। इस दरबार की लीला दरबार के मुख्य पुजारी वह बाबा साहब श्री नीतू दीदी द्वारा यहां पर सालों से भजन कीर्तन भव्य यज्ञ हवन पूजन अभिषेक किया जाता है। राम दरबार महल में स्थित श्री मेहंदीपुर बालाजी की लीला अपरंपार है जो भी भक्तगण यहां आता है। उसके सारे संकट संकटमोचन हर लेते हैं। यह एक ऐसा चमत्कारी स्थान है जहां पर बाबा का श्रृंगार सोने की परत से किया जाता है और कई हजारों भक्तों के इस दरबार से कार्य सिद्ध हुए बाबा के परम भक्त बाबासाहेब श्री नीतू दीदी पर बाबा का ऐसा आशीर्वाद है कि उन्होंने जिसे हाथ उठाकर आशीर्वाद दिया समझो वह धन्य हुआ और उसके हर संकट संकटमोचन हर लेते हैं यहां शक्ति बाबा की कठोर तपस्या नियमों के साथ भक्ति से ही प्राप्त होती है। जो प्रभु की परम भक्त बाबासाहेब श्री नीतू दीदी को प्राप्त हुई है। जो भी भक्त इस दरबार में आते हैं वह कभी खाली हाथ नहीं जाते आज उसी का प्रताप है कि बाबा की भक्ति में भक्त झूम के नाच रहे। एवं फाग उत्सव के पावन पर्व पर फूलों की होली खेली गई। इस शुभ अवसर पर नीतू दीदी बाबा साहेब के सानिध्य में पीपलीनाका से काल भैरव मार्ग पर स्थित श्रीराम महल में श्री मेहंदीपुर बालाजी धाम पर होने वाले इस फाग महोत्सव में भागवत आचार्य पं. मयंक व्यास वृंदावनवाले विशेष रूप से उपस्थित रहे। वहीं खरगोन से श्याम बाबा के परम भक्त मधुर आवाज के धनी प्रसिद्ध गायक शुभम तारे द्वारा अपनी मधुर आवाज में भजन कीर्तन किया गया जिसमें फूलों की होली से खाटू श्याम भगवान के मधुर भजनों पर भक्तों ने प्रभु की भक्ति में लीन होकर, भक्त अपने आप को रोक नहीं पाए और झूम कर नाचे एवम भक्ति भजनों का आनंद लिया। इस अवसर पर श्री राम महल समिति ने दूर-दूर से पधारे सभी भक्तजनों को प्रभु के इस आयोजन में सम्मिलित होने पर धन्यवाद के साथ पंछा पहना कर सम्मानित किया।