- उज्जैन, न्यूज़, शहर

विनोद मिल की बेची गई जमीन को खाली कराने मैं प्रशासन क्यों कर रहा है हस्तक्षेप- पार्षद श्री राय

Spread the love

 


150 परिवारों को बेघर बार करने का षड्यंत्र, जमीन बेचने में हुआ बड़ा घोटाला

उज्जैन/ विनोद विमल मिल की जमीन जिसे अशोक मंडी के नाम से सरकारी कागजों में इंद्राज किया गया है को बेचने में शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि पहुंचाई गई है वही 150 मिल मजदूर परिवार को इस जमीन से बेदखल करने के लिए जिला प्रशासन कमरकस के बैठा हुआ है रे वासियों को मकान खाली करने के लिए नोटिस पर नोटिस दिए जा रहे हैं जनप्रतिनिधि भी खामोशी के साथ मामले से दूरी बनाने का प्रयास करते हुए देखे जा रहे हैं। ऐसे में गरीब परिवारों के लिए आवाज बुलंद करने वाला कोई नहीं है क्षेत्रीय पार्षद रवि राय मुद्दे को लेकर संघर्षरत है।
सर्द मौसम में जहां शासन-प्रशासन आम लोगों को राहत देने के लिए अलाव जलाने के साथ-साथ रहने की व्यवस्था में सराय का उपयोग करता है किंतु दूसरी तरफ देखने में हारा है कि करीब 70 वर्षों से विनोद मिल की चाल परिसर में रहने वाले 150 मिल मजदूर परिवारों को जिला प्रशासन बेघर करने मैं विशेष दिलचस्पी दिखा रहा है जिला प्रशासन का इस तरह का रवैया समझ से परे है जबकि राज्य शासन के द्वारा उक्त जमीन को मात्र ₹816 स्क्वायर फीट के भाव से बेचा गया। जहां एक और इस क्षेत्र में करीब ₹5000 स्केल फिट से अधिक का भाव है वहां पर मात्र 816 ₹17 के भाव में जमीन को जैसी स्थिति में है उसी स्थिति में बेचा गया है इसका स्पष्टीकरण निविदा की शर्तों में भी देखने को मिल रहा है उक्त जमीन को टेंडर के माध्यम से विक्रय किए जाने के बाद मिल मजदूरों से जमीन का कब्जा लेने का कार्य खरीददार पार्टी का है किंतु जिला प्रशासन नियम कानून को बलाए ताक में रखकर मजदूर परिवारों को सर्द मौसम में बेदखल करने की साजिश रच रहा है उक्त आरोप पार्षद रवि राय ने लगाते हुए कहा कि इस जमीन को बेचने में बड़ा घोटाला हुआ है आपका कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा मिल मजदूरों को आश्वस्त किया गया था कि उन्हें बेघर नहीं किया जाएगा किंतु कथनी और करनी में अंतर नजर आ रहा है वहीं दूसरी तरफ क्षेत्रीय विधायक पूर्व मंत्री पारस जैन सांसद अनिल फिरोजिया भी मिल मजदूरों की धीर गंभीर समस्या से किनारा कर रहे हैं। श्री राय के अनुसार वे इस मामले को लेकर न्यायालय में जाएंगे।