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अभ्यास मंडल के मंच से कहा संस्कारित इंदौर को बिगड़ने नही देगे नशे के कारोबार के साथ पबों पर लगायेगे नकेल

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इंदौर/ शहर में जिस तरह नशे का कल्चर या नाइट कल्चर बढ़ रहा है। देर रात तक युवक युवतियां पब और सत्ता बार में अश्लील और असभ्य बिहेव कर रहे है, यदि उसे तत्काल नही रोका गया तो इंदौर को बैंगलोर और कुलकट्टा संस्कृति बनते देर नहीं लगेगी। अत जरूरी है कि ऐसे युवा युवतियों पर नकेल लगाए। उन हॉस्टल पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए जो अधिक कमाई के चक्कर में अपने स्टूडेंट को खुली छूट दे देते है।
ये विचार प्रभुद्ध जनों और छात्र छात्राओं ने अभ्यास मंडल द्वारा प्रेस क्लब में आयोजित शहर की बिगड़ती संस्कृति पर आयोजित परिचर्चा में व्यक्त किए।
इस दौरान मनीषा गौर ने कहा कि इंदौर शहर संस्कारों की नगरी है । यह इस शहर की धरोहर है। इसको किसी भी कीमत पर बचाना हर इंदौरी का दायित्व है। समाजसेवी जयंत भीसे ने परिवार को मजबूत करने पर जोर दिया। अच्छे संस्कार वही से शुरू होते है।
पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मदन राने ने कहा कि जो बच्चे बाहर से यहां पढ़ने आते है। वे यहां की आधुनिक संस्कृति को देखकर भटक जाते है। अत हम ऐसे बच्चो को समझाइश दे।एडवोकेट सुशीला यादव ने कहा कि इंदौर में नशे का कारोबार पिछले 25 वर्षो से चल रहा है । विजय नगर और महालक्ष्मी नगर में ऐसे ऐसे हॉस्टल्स खुल गए जहां अवैध गतिविधियां चलती है।देर रात को पीने खाने का कार्य चलता है। प्रोफेसर स्वप्निल व्यास ने कहा कि इंदौर मेट्रो बनने के पहले उड़ता इंदौर बन रहा है। जहां रात को लड़के लड़कियां नशे में धूत होकर घूम रही है।
डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने कहा कि शहर में पब संस्कृति वर्षो से जारी है और अभी भी हम नही जागे।शहर को बचाना मुश्किल हो जायेगा।
गौरव रावल ने कहा कि हाल ही में इंदौर में 27 करोड़ की ड्रग पकड़ी गई। जो इसका प्रमाण है कि यहां संभांत परिवार के ऐसे बच्चे है। जो देर रात जन्मदिन पार्टी के नाम पर नशा करते है। वे एक दिन ड्रग पेडलर बन जाते।
ओ पी श्रीवास्तव ने कहा कि आज युवाओं को काउंसलिंग देने की आवश्कता है और नशे के कारोबार को ध्वस्त करना है। दीप्ति गौर ने कहा कि हम अपने संस्कार भूलते जा रहे है इसलिए पुलिस प्रशासन को दोष देना गलत है। अर्पण जैन ने कहा कि पब संस्कृति इंदौर को बर्बाद कर रही है । ऐश्वर्या डंगावकर ने कहा युवाओं को काउंसलिंग की जरूरत है।
पत्रकार मुकेश तिवारी ने कहा कि ऐसे युवाओं को सजा मिलनी चाहिए जो समाज को बिगाड़ रहा है। पबों को बढ़ावा दे रहा है। शिक्षाविद रूपल कुंभज ने कहा कि बाहर से जो बच्चे यहां पढ़ने आते है। वे जल्दी से भटक जाते है । उन्हें समय रहते बचा लिया जाए तो इसमें हम सबका हित है। शरयु वाघमारे ने कहा कि हमारे यहां अधिक नशा मुक्ति केंद्र की जरूरत है। वरिष्ठ पत्रकार जयश्री पिंगले ने कहा कि प्रशासन द्वारा शहर में कई तरह के अभियान चलाए जाते है लेकिन वे अपना असर नहीं छोड़ पाते है। जगदीश डंगावकर ने कहा कि हमे अब खामोश नही बैठना चाहिए।बाहर से जो आ रहे है। उस पर कड़ी नजर जरूरी है। किशन सोमानी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन माला सिंह ठाकुर ने किया। आभार वैशाली खरे ने माना । अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता ने बताया कि आज की परिचर्चा में जो विचार आया उसे प्रशासन को भेजे जाएंगे। इस मौके पर रामेश्वर गुप्ता, शिवाजी मोहिते, प्रभु त्रिवेदी ,हरेराम वाजपेई,प्रवीण जोशी,अशोक मित्तल,रोहित मिश्रा, नयनी शुक्ला,गौरव संचार,आदित्य प्रताप सिंह, हरिकृष्ण खले, श्रीमती नेहा पित्रे, शरयू वाघमारे, स्वाति उखले, डॉ. श्रद्धा दुबे,प्रदीप नवीन, लक्ष्मीकांत पंडित, पी सी शर्मा,सहित बड़ी संख्या में विभिन्न कॉलेजों के छात्र छात्राएं उपस्थित थे।