- ज्योतिष

गणेश चतुर्थी पर वास्तु दोष निवारक *यंत्रों की स्थापना* करना चाहिए

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????‍♂️ वास्तुशास्त्र में *गणेश जी* की प्रतिमा की स्थापना , पूजन एवं आवासीय शुद्धिकरण के लिए विशेष महत्व है, इसलिये *वास्तु दोषों* को दूर करने हेतु दोष वाले स्थान पर गणेश जी की मूर्ति लगाने का विशेष विधान है।

????‍♂️ वास्तु शास्त्र में गणेश भगवान का विशेष स्थान क्यों है यह समझना अत्यंत आवश्यक है !!
*???? भूखंड के देवता वास्तु देव माने गये हैं !!*

????‍♂️ किसी भी पूजन में गणेश जी की प्रथम पूजा होती है ,गणेश जी *विघ्न विनाशक हैं ।*

????‍♂️ संसार का हर व्यक्ति चाहता है की उसके घर ,दुकान ,व्यावसायिक संस्थान ,फेक्टरी में किसी भी प्रकार का कोई भी *विघ्न* उपस्थित न हो ,तो इसीलिए गणेश जी की मूर्ति घर के अंदर की ओर मुख्य प्रवेश द्वार में स्थापित करने का विधान है ।

????‍♂️ गणेश जी को घर के बाहर की ओर कभी भी स्थापित न करें ,ऐसी मान्यता है की गणेश जी दृष्टी में अमृत धारा है और गणेश जी *पीठ में दरिद्रता है* ,इसलिए गणेश जी का पीठ घर की ओर न हो इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए ।

????‍♂️ वैसे तो गणेश जी अनेक प्रकार की धातुओं के बनाये जाते हैं जिन में सभी के अपने अलग अलग प्रभाव हैं.*लेकिन श्वेत आर्क का वास्तु गणेश सभी प्रकार के दोषों को मुक्ति हेतु सबसे सरल तथा मनोकामना सिद्ध करनेवाला कहा जाता है।*

*????‍♂️* श्वेत आर्क एक ऐसा पौधा होता है जिसको हिंदू दर्शन के अनुसार मै नवीन सांखला आपको बता दें कि *साक्षात् ही गणेश का रूप कहा जाता है* ,इस पौधे में अनेक औषधीय *एवं दैविक गुण होने के साथ साथ एक विशेष यह भी गुण है कि इसकी जड़ में स्वयं गणेश जी की आकृति बनी होती है।*

???? अगर जड़ को ध्यान से देखा जाए तो इसके बराबर में निकली दो शाखाएँ *गणेश जी के दो दातों का कार्य करती हैं एवं इस से आगे का भाग साक्षात् गणेश जी का रूप बना देता है।*

*????????️नवीन सांखला ????️????*
*????????9827254555 ????????*