*वास्तु संस्कार*
???? वास्तु शास्त्र के अनुसार मे नवीन सांखला आपको बता दें कि विभिन्न प्रकार के वेध का वर्णन आता है उसमें *चित्रवेध* का भी उल्लेख है :-
*चित्रवेध :-* शिल्प की तरह ही विभिन्न महाभारत से सम्बंधित चित्र जिसमे भगवान कृष्ण अर्जुन को *गीता का उपदेश* दे रहे हैं वो शुभ चित्र है उसे आप अपने घर के पूर्वी दीवाल पर लगा सकते हैं !!
*???? पर इसके विपरीत अन्य युद्ध के चित्र लगाने से बचना चाहिए !!*
???? *मांस-भक्षी* सिंह,व्याघ्र, तेंदुआ, उल्लू, कौआ,गिद्ध,वाज, कबूतर, वगुला, गोह, बिल्ली आदि *पशु-पक्षियों के चित्र अपने भवन में नही लगाना चाहिए !!*
???? *दैत्य-राक्षस*,भूत-प्रेत, जादू-टोने (इन्द्रजालिक चित्र),भयंकर *मूर्तियाँ के चित्र घर मे लगाने से बचना चाहिए !!*
???? *रोते हुए मनुष्य* का चित्र या मूर्ति या उदास सा चेहरा* *लिया कोई लड़की की चित्र ना लगाएं !!*
???? टाइटेनिक जैसे डूबते हुए जहाज का *चित्र भी आपको डुबाने में मदद करेगा !!*
???? युवा वर्ग अपने शयन कक्ष में हीरो हीरोइन के चित्र लगाकर रखते हैं !!
*???? आपके आसपास जैसा चित्र होगा वैसा ही आपका मन बनते जाएगा ❓*
*???? मन आसपास की सूक्ष्म चीजों को तुरंत ग्रहण करता है !!*
???? *रामायण-महाभारत* आदि युद्ध के चित्र घर के अन्दर न लगाये जायें।
???? दम्पति के शयन-कक्ष में *कबूतरों* का युग्म चित्र भी न लगाया जाय।इससे पति-पत्नी के आपसी *सम्बन्धों में दरार आती है।*
???? ऊपर के सभी *वर्जित चित्रों* का प्रयोग *बाहरी दीवारों पर भी कदापि न किया जाय।*
इस सम्बन्ध में *वास्तुरत्नाकर* गृहोपकरण प्रकरण में कहा गया है :-
गृहे न रामायणभारताहवं चित्रं कृपाणाहवमिन्द्रजालिकम्।
शिलोच्चयारण्यमयं सदासुरं भीष्मं कृताक्रन्दनरं त्वनम्बरम्।
वाराहशार्दूलशिवापृदाकवो गृद्धाभिधोलूककपोतवायसाः।
सश्येनगोधादिवकादिपत्रिणो विचित्रिता नो शरणे शुभावहाः।।(६-७७,७८)
*????????नवीन सांखला ????????*
*(9827254555)*