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और पुलिसकर्मी ने 2 साल के मासूम की लाश घर पहुंचाने में की मदद

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खाकी वर्दी को लेकर आमजन के बीच कोई ठीक नजरिया नहीं है। हर एक नागरिक की पुलिस को लेकर अपनी सोच है। वैसे अक्सर पुलिस को कोई भी अच्छी नजर से नहीं देखता है। और समय-समय पर पुलिस को भला बुरा कहने से परहेज नहीं करते।यू कहा जाए तो गलत नहीं होगा कि आमजन में पुलिस की छवि अच्छी नहीं है। ऐसे में कोई पुलिसकर्मी मानवीयता का परिचय देकर अच्छा कार्य करें तो उसकी सराहना की जाना चाहिए। हुआ यू की मुरैना निवासी पूजा राम नामक व्यक्ति के 2 साल के बेटे राजा की मौत बीमारी के चलते अस्पताल में हो गई। इलाज में पैसा खर्च हो जाने से पूजा राम के पास अपने पुत्र के शव को घर तक ले जाने का पैसा नहीं बचा था। अस्पताल की एंबुलेंस 15 सो रुपए का खर्चा बता रही थी। ऐसे में पूजा राम मासूम बेटे का शव लेकर अस्पताल के बाहर आ गया और घर तक लाश को ले जाने के लिए सस्ते वाहन का इंतजाम करने में जुड़ गया। इस बीच पूजा राम ने लाश को अपने बड़े 8 वर्ष पुत्र की गोद में लेटा दिया था। जब यामा जिला मुरैना के कोतवाली में पदस्थ पुलिसकर्मी ने देखा को उसके द्वारा पूरा माजरा समझने के बाद मासूम की लाश को घर पहुंचाने की जिम्मेदारी स्वयं वहन करते हुए व्यवस्था बनाई। पुलिसकर्मी की समाज सेवा की जितनी तारीफ की जाए कम है। निश्चिती उक्त पुलिसकर्मी ने सराहनीय कार्य किया है।