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उत्तर विधानसभा में भाजपा की बगावत को ध्यान में रखकर आज होगी मुख्यमंत्री की तीन सभाएं

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????️राजकुमार अग्रवाल????️

उज्जैन/ चुनावी समर की गर्माहट अब उज्जैन शहर में महसूस होने लगी है। नीरस से नजर आ रहे नगर पालिक निगम के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की ओर से स्टार प्रचारक के रूप में मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों से उत्साह बना है और प्रत्याशियों के चेहरे पर भी चमक नजर आ रही है। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कल उज्जैन में होने वाली नुक्कड़ सभाओं से कुछ उलझे हुए वार्ड के समीकरण सुधर जाएंगे।
मामा के एक बार फिर इस चुनावी समर में उज्जैन आगमन से भाजपा के कुछ प्रत्याशियों के चेहरों पर चमक दमक लौट आने की उम्मीद को नकारा नहीं जा सकता। भाजपा के बागी प्रत्याशियों से नुकसान की भरपाई के समीकरण बनाने के लिए 1 सप्ताह में दूसरी बार मामा उज्जैन आ रहे हैं। इधर कांग्रेस के प्रादेशिक मुखिया कमलनाथ ने आज उज्जैन में कांग्रेस के 54 प्रत्याशियों तथा महापौर उम्मीदवार के पक्ष में आम सभा की ओर भाजपा के 15 साल के प्रदेश कार्यकाल और उज्जैन नगर निगम के 10 वर्ष के कार्यकाल पर सवालिया निशान उठाए और निशाना साधते हुए भाजपा को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया।

भारत माता की जय और वंदे मातरम….

कांग्रेश में व्यक्तिवादी नारे लगाने का चलन आज तक बना हुआ है प्रदेश कांग्रेश के मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के उज्जैन आगमन पर आयोजित की गई आम सभा मैं कमलनाथ जिंदाबाद के नारे लगे। इसमें कुछ नया नहीं हुआ यह कांग्रेस की परंपरा भी है लेकिन जो खास बात आज देखने को मिली वह यह कि कांग्रेश के मंच पर भारत माता की जय और वंदे मातरम संबोधन के समय बोला जाना अचंभित करता है। यह चर्चा का विषय है और एक संदेश देने का माध्यम भी है। राष्ट्रवादी लोगों को इस संदेश के माध्यम से अपनी और लुभाने का अच्छा प्रयास कहा जा सकता है। चर्चा का विषय यह है कि वोट के लिए भारत माता की जय और वंदे मातरम तक पहुंच चुकी कांग्रेश आने वाले समय में जय श्री राम का भी उद्घोष कर सकती है। जिससे संगठित हो रहे हिंदुओं को जुड़ने के अवसर बनेंगे।

शराब और चुनाव का याराना है पुराना

चुनाव के समय शराब कबाब और भोजन यह ना हो यह संभव नहीं इसके बिना अब किसी भी प्रत्याशी को चुनाव जीतना आसान नहीं है। चुनाव मैं रणनीतिकार चाय से पहले शराब कबाब के खर्चे को अपने बजट में फिट करते हैं। 2 दिन पहले दक्षिण विधानसभा के 1 वार्ड में किसी प्रत्याशी का एक कार्टून शराब किसी की नजर में आ गया और मामला कुल पकड़े उसके पहले सेट भी हो गया। वार्ड का माल वार्ड में पहुंच गया और निगाह पीढ़ी करने वाले को भेंट मिल गई। कुल मिलाकर मामला घर का घर में ही निबट गया। वैसे और भी कई वार्डों में इस तरह के कार्यक्रम के दौरान ऐसी नजरे इनायत करने के कार्यक्रम भी सुचारू रूप से चल रहे होंगे।

जैन समाज के बागी तेवर भारी पड़ सकते है भाजपा को

उज्जैन उत्तर राजनीतिक परिदृश्य जैन समाज और ब्राह्मण समाज के जाति समीकरण पर टिका हुआ नजर आता है अब तक भाजपा कांग्रेस के द्वारा ब्राह्मण और जैन समाज के प्रत्याशियों को जब भी उज्जैन उत्तर विधानसभा से अवसर दिए हैं यहां पर उन्हें विजयश्री हासिल हुई है। वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री पिछले 7 विधानसभा चुनाव उज्जैन उत्तर से लड़ चुके हैं जिसमें 6 चुनाव में उन्हें विजय श्री मिली है एक बार वह ब्राह्मण समाज के उम्मीदवार रहे राजेंद्र भारती से शिकस्त पा चुके हैं। कुल मिलाकर यह कहा जाए कि उज्जैन उत्तर विधानसभा जैन समाज के प्रभाव से अछूती नहीं है। उज्जैन नगर पालिक निगम के चुनाव में उत्तर विधानसभा से जैन समाज के तीन युवा बागी होकर भाजपा के समीकरण को गड़बड़ा ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं जिससे भाजपा प्रत्याशियों की सांसे फूल रही है। वार्ड क्रमांक 9 की बात करें तो भाजपा ने यहां से पूर्व पार्षद गजेंद्र सकलेचा को उम्मीदवार बनाया है कांग्रेस की ओर से पूर्व पार्षद सपना सांखला उम्मीदवार है। दो पूर्व पार्षदों में कांटे की टक्कर बनी हुई है लेकिन भाजपा के सोहन आंचलिया की बगावत से भाजपा उम्मीदवार गजेंद्र सकलेचा की सांसे फुल चुकी है। ऐसी ही स्थिति वार्ड क्रमांक 23 मैं भी देखने को मिल रही है। यहां से भाजपा ने पूर्व पार्षद रजत मेहता को प्रत्याशी बनाया है जबकि कांग्रेस ने भरत पंड्या के रूप में युवा को मौका दिया है लेकिन जैन समाज के भाजपा के बागी रितेश खाबिया कांग्रेस प्रत्याशी से हाथ मिला कर भाजपा के उम्मीदवार को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसी ही स्थिति वार्ड क्रमांक 32 मैं पंकज जैन भाजपा के बागी ने बनाई है उनके द्वारा भी महिला आरक्षित सीट होने से परिवार की महिला को खड़ा कर भाजपा के समीकरण को गढ़ बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। यहां पर समझने वाली बात यह है कि उज्जैन उत्तर में ही जैन समाज के विधायक है और उसी समाज के 3 युवा बागी होकर भाजपा के उम्मीदवारों के खिलाफ काम कर रहे हैं जबकि तीनों ही बागी उम्मीदवार भाजपा विधायक पारस जैन के समर्थक बताए जाते हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के द्वारा तीनों बागियों से चर्चा कर उन्हें संतुष्ट करने का प्रयास भी किया गया लेकिन एक भी बागी भाजपा को समर्थन देने के लिए तैयार नहीं हो रहा है। जिससे इन वार्डो में भाजपा के जीत के समीकरण बनते बिगड़ते नजर आ रहे हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऐसी ही सीटों के समीकरणों को भाजपा के पक्ष में करने के लिए आज उज्जैन में है अब देखना यह है कि मामा का जादू कितना मतदाताओं को प्रभावित कर पाएगा।

कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने के लिए भाजपा के पूर्व पार्षद हुए सक्रिय

वार्ड क्रमांक 46 की बात की जाए तो यहां से भाजपा के पूर्व पार्षद संतोष यादव के भाई गोपाल यादव को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है वहीं भाजपा ने क्षेत्र के स्थानीय निवासी जमीनी कार्यकर्ता कैलाश प्रजापत को अपना उम्मीदवार बनाया है। वैसे यह सीट भाजपा की परंपरागत सीट है लेकिन इस सीट पर कांग्रेस ने गोपाल यादव को प्रत्याशी बनाकर भाजपा से जीत छीनने का प्रयास किया है। इस सीट पर भाजपा की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल यादव के भाई संतोष यादव पूर्व में चुनाव जीत चुके हैं और उन्हें वार्ड की पूरी पकड़ है ऐसे में कैलाश प्रजापत को चुनाव हराने की तैयारी मैं पूर्व पार्षद की अहम भूमिका देखने को मिल रही है। कल शाम 4:00 बजे के करीब पूर्व पार्षद संतोष यादव अपने एक साथी के साथ वार्ड क्रमांक 46 की बंगाली कॉलोनी में पहुंचे मतदाताओं के बीच गुफ्तगू कर रहे थे तभी भाजपा के प्रत्याशी कैलाश प्रजापत वहां पहुंच गए जिनके द्वारा अपने सरल व्यवहार के अनुरूप संतोष यादव की करतूत को अनदेखा करते हुए निवेदन किया कि आप भाजपा के हैं और हमने आपको पार्षद बनाया था अब आप हमारे साथ चल कर काम करो इस पर वे वहां से अपनी एक्टिवा गाड़ी से नौ दो ग्यारह हो गए। इतना ही नहीं उनके द्वारा भाजपा को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ मीडिया कर्मियों को अप्रत्यक्ष रूप से यह जानकारी दी गई कि भाजपा समर्थकों के द्वारा बंगाली कॉलोनी की दुकानों को तुड़वाने की धमकी दी जा रही है। इसके लिए उनके द्वारा बंगाली कॉलोनी के एक व्यक्ति का संपर्क सूत्र भी मीडिया को दिया लेकिन जब यहां पर वास्तविकता को समझा गया तो पूर्व पार्षद की भाजपा से दगाबाजी की कहानी सामने आई है