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भूमाफिया मामले में भाजपा कांग्रेस नेताओं के बीच शीत युद्ध

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राजनीति के चलते कमलनाथ सरकार गरीबों के मकान पर हाथों लेना चलाएं- सांसद फिरोजिया

कांग्रेस संगठन की ओर से कोई सूची अधिकारियों को नहीं दी गई है- डॉ जोशी

राजकुमार अग्रवाल

उज्जैन/ प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप माफिया गिरी अभियान के तहत भू माफियाओं पर प्रशासनिक अमले के द्वारा शुरू की गई कार्रवाई अब राजनीतिक द्वंद में परिवर्तित होती नजर आ रही है। भाजपा की ओर से इस अभियान में पक्षपात पूर्ण कार्रवाई करने के आरोप शुरू दिन से ही लगाए गए थे। वहीं कांग्रेस संगठन की ओर से कहा गया है कि माफिया गिरी अभियान के अंतर्गत किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा चाहे वह फिर कांग्रेस का ही पदाधिकारी क्यों ना हो। प्रशासन अपनी सूझबूझ से कार्रवाई कर रहा है इसमें कांग्रेस संगठन का कोई दखल नहीं है। और ना ही कोई सूची अधिकारियों को कार्रवाई हेतु सौंपी गई है। कुल मिलाकर भू माफिया के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर शहर में राजनीति गरमा गई है दोनों ही प्रमुख दल आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।

नए वर्ष की शुरुआत में प्रशासनिक अमले के द्वारा भू माफिया राम सिंह सोलंकी के निमन वासा क्षेत्र में बताए गए रामकृष्ण विहार कॉलोनी के जमींदोज होने पर भाजपा की ओर से पक्षपात का आरोप लगाया गया था वही भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया ने भाजपा पदाधिकारियों और विधायक की उपस्थिति में पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर मांग की थी कि गरीबों के मकानों पर हथौड़े नहीं चलाई जाए। हालांकि इस ज्ञापन में राम सिंह का कहीं उल्लेख नहीं था लेकिन भाजपा की ओर से पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाए जाने के बाद कांग्रेस संगठन की ओर से आरोप का जवाब दिया गया है।

इस मामले में पूर्व विधायक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष डॉक्टर बटुक शंकर जोशी ने कहा कि सरकारी जमीनों पर अवैध कालोनिया काटी गई है । जिला प्रशासन की ओर से ऐसी कालोनियों को चिन्हित कर कार्रवाई शुरू की गई है। कांग्रेस संगठन की ओर से किसी भी भूमाफिया की कोई सूची नहीं दी गई है। डॉ जोशी का तो यह भी कहना है कि अवैध निर्माण अतिक्रमण तथा सरकारी जमीन पर अगर किसी कांग्रेश के पदाधिकारी के द्वारा भी निर्माण किए गए हैं या कॉलोनी काटी गई है तो उन्हें भी नहीं बख्शा जाएगा प्रशासन बेखौफ होकर नियमानुसार कार्रवाई करें। कुल मिलाकर भू माफियाओं पर प्रशासनिक शिकंजा कसने की शुरुआत के साथ ही सियासत भी गर्म हो गई है। जिसके चलते यह अंदाज नहीं लगाया जा सकता है कि भू माफिया के विरुद्ध छेड़े गए अभियान का अब क्या होगा। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा अभियान को कछुए की चाल की तरह जारी रखे हुए हैं। शहर में फैले छोटे-मोटे अतिक्रमण और अवैध निर्माण कार्यों को तोड़ने का काम जारी है लेकिन बड़े भू माफियाओं के विरुद्ध छेड़ा गया अभियान अभी रुक सा गया है अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में आगे आगे होता क्या है वैसे इस मामले में नगरी प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने शहर में आगमन के दौरान अधिकारियों को कुछ दिशा-निर्देश दिए हैं। शायद यही वजह है कि बड़े भाई माफियाओं के विरुद्ध अभियान थम सा गया है।