उज्जैन/उज्जैन के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रावास में रह रहे द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों ने मंगलवार को कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। डॉ. अंबेडकर विद्यार्थी संगठन के साथ मिलकर छात्रों ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने मौखिक रूप से करीब 30 छात्रों को हॉस्टल तुरंत खाली करने का निर्देश दिया है, ताकि नए छात्रों को वहां कमरा मिल सके। छात्रों का कहना है कि इससे उनकी पढ़ाई और परीक्षाएं प्रभावित हो रही हैं। प्रदर्शनकारी छात्र राम सोलंकी ने बताया कि 14 जुलाई को उन्हें हॉस्टल खाली करने के लिए कहा गया था। इससे पहले भी उन्होंने प्राचार्य को लिखित में अपनी परेशानी से अवगत कराया था, लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया कि अब सिर्फ नए छात्रों को हॉस्टल में रहने की अनुमति मिलेगी।
छात्रों ने बताया कि कई छात्र आर्थिक रूप से कमजोर तबके से हैं, और कॉलेज हॉस्टल ही उनके लिए रहने का एकमात्र साधन है। अचानक हॉस्टल खाली कराने का निर्णय उनके लिए गंभीर समस्या बना हुआ है। इसके विरोध में छात्रों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि—
द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों को तत्काल हॉस्टल खाली कराने का आदेश वापस लिया जाए।
नए छात्रों के लिए किसी अन्य भवन में कमरों की व्यवस्था की जाए।
छात्रावास नीति को स्पष्ट किया जाए तथा भविष्य में छात्रों को समय रहते सूचित किया जाए।
छात्रों ने दोहराया कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जातीं, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख छात्रों के नाम
जिला अध्यक्ष विशाल शेरे ,लकी परिहार, अजय चक्रावदीया,आदित्य सोलंकी,समी सिंदल, आयुष तटस्कर, कारण,केशव कामले,आकाश डामोर,संजय चौहान,वीरेंद्र चौहान,शुभम पवार आदि शामिल हुए