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परिवार, हमारे संस्कारों की पहली पाठशाला है : श्री नागर

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उज्जैन 17 मई । परिवार, हमारे संस्कारों की पहली पाठशाला है, जिसका अर्थ है कि परिवार ही वह स्थान है जहाँ हम सबसे पहले अच्छे और बुरे संस्कार सीखते हैं। यह वह जगह है जहाँ हमें सही और गलत के बीच अंतर करना सिखाया जाता है और जहाँ हम समाज में सही तरीके से रहने के लिए आवश्यक कौशल सीखते हैं। यह बात कही आनंद विभाग के आनंदम सहयोगी ललित नागर ने। आनंद विभाग उज्जैन जिले के जिला समन्वयक और आयोजन के सूत्रधार डॉ. प्रवीण जोशी ने कहा कि, सफलता में तो सभी साथ है पर जीवन में असफलता मिलती है तो परिवार सबसे पहले साथ देता है। उन्होंने आगे बताया कि राज्य आनंद संस्थान भोपाल से प्राप्त बारह माह के अंतराष्ट्रीय दिवस मनाने की श्रृंखला में उज्जैन जिला इकाई द्वारा विश्व परिवार दिवस प्रधानमन्त्री कौशल केंद्र कार्ड संस्था नागझिरी पर मनाया गया। जिसमें बड़ी संख्या में डाटा एंट्री ऑपरेटर का कोर्स कर रहे विद्यार्थी और संस्था के स्टॉफ सदस्य उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री वल्लभ आनंद क्लब उज्जैन की संस्थापक श्रीमती मधु गुप्ता ने कहा कि, सफलता के लिए परिवार के साथ उनका कहना मानते हुए मेहनत करना चाहिए। कार्ड संस्था के प्रमुख श्री अरविंद ने संस्था के अलग अलग कोर्स और शासन की योजनाओं को बताया। श्रीमती अमृता चतुर्वेदी ने कहा कि, शासन की रोज नई नई योजना आती है आप उसे जानों और उसमें स्वयं तो शामिल हो जाओ साथ ही परिवार को भी शामिल करो । जिले के मास्टर ट्रेनर और आनंदम सहयोगी राजेश शर्मा का विशेष सहयोग रहा। साथ ही कार्ड संस्था से श्रीमती उषा रावत, सुश्री देवयानी तरेटिया, पार्थ सारथी, और जैनुल आबेदीन हुसैन उपस्थित थे। संचालन डॉ. प्रवीण जोशी ने किया आभार श्रीमती अरुण तिवारी ने माना।