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मिलावटखोरी: प्रदेश में 3 प्रयोगशालाओं हेतु 13 करोड़ मंजूर, मिलावट करने वालों की की संपत्ति राजसात होगी, रासुका भी लगेगी

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स्वास्थ्य मंत्री श्री सिलावट ने दिए निर्देश

इंदौर/ दूध के नाम पर सफेद जहर बेचने वालों पर प्रशासन द्वारा न केवल रासुका में कार्रवाई होगी बल्कि इनकी सम्पत्ति भी जब्त की जाएगी। खाद्य पदार्थों की जांच के लिए इंदौर में प्रयोगशाला बनेगी, इसके लिए 7 करोड़ मंजूर किए गए।
स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि प्रदेश में दुग्ध पदार्थों में मिलावट के ख़िलाफ़ मुहिम सख़्ती से चलाई जा रही है। सरकार कठोर कार्रवाई करेगी। बैठक में संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी, एडीजी वरुण कपूर, कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव, एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र, मध्यप्रदेश के नियंत्रक खादय एवं औषधी ‍प्रशासन रविंद्र सिंह मौजूद थे। मंत्री तुलसी सिलावट ने सभी अधिकारियों को मिलावट खोरो पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दूध में हानिकारक पदार्थों की मिलावट की जा रही है जो गलत है। पुट्टी, सड़ी मूंगफली, यूरिया और अन्य रासायनिक पदार्थ भी मिलाए जा रहे हैं। ऐसा सफेद जहर बनाने वालों पर पिछले 15 वर्षों में कारर्वाई नहीं की गयी। यह भयंकर अपराध है। ऐसे लोगों को बख़्शा नहीं जाएगा। मंत्री सिलावट ने कमिश्नर आकाश त्रिपाठी की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह अभियान अंजाम तक पहुँचना चाहिए। मिलावटखोरों में इतनी दहशत हो कि वह फिर कभी ऐसा अपराध नहीं करें। संभाग में तेज़ी से सेंपल लिये जाए और इनका परीक्षण भी तेज़ी से कराया जाए। ऐसे अपराधियों के ख़िलाफ़ रासुका और संपत्ति की कुर्की की कार्यवाही की जाएगी। सैंपल के त्वरित परीक्षण के लिए इंदौर में प्रयोगशाला बनाई जाएगी। इसके लिए 7 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत की गई है। ग्वालियर और जबलपुर में भी प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी। इनके लिए चार-चार करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत कर दी गई है।
जिस तरह पास्को एक्ट के तहत विशेष अदालत बनायी गई है, उसी तरह ऐसी विशेष अदालतों के गठन पर भी विचार किया जा रहा है। साथ ही लिए गए सैंपल का परीक्षण तेज़ी से हो और उनकी रिपोर्ट जल्द आए, इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।