उज्जैन /नागदा के जघन्य एवं सनसनीखेज मामलें में आज न्यायालय विक्रम सिंह बुले, अपर सत्र न्यायधीश तहसील नागदा जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपीगण टीनू उर्फ रिजवान पिता जाउल हसन, उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम कुरमाली जिला मुजफ्फर नगर, उ.प्र. जाफर पिता बुंदु खॉ उम्र 33 वर्ष अंसार पिता बुंदु खॉ उम्र 36 वर्ष 04. याकूब पिता बुंदु खॉ समस्त निवासीगण जयपुरा खिलचीपुर, मन्दसौर के समस्त आरोपीगण को धारा 364(क) भादवि में आजीवन कारावास एवं प्रत्येक आरोपीगण को 1000-1000/- रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।
उप-संचालक (प्रशासन) डॉ0 साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि घटना 08 मार्च 2011 को फरियादी कालू ने कमल चौधरी के साथ थाना बिरलाग्राम में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि वह घटना दिनांक को वह और उसका भाई गोपाल व गांव का रामा तीनों द्वारकाधीश मंदिर की जमीन विवाद की फाईल के संबंध में एसडीएम साहब ने बुलाया था तो वह तीनों एसडीएम कोर्ट गये थे। वहां पर उनका काम नहीं हुआ तो एसडीएम साहब ने कल आने को कहा। वहां से फिर वे लोग करीबन 05ः30 बजे शाम को घर आने के लिए अपनी-अपनी मोटर सायकल से टकरावदा जा रहे थे वह जब मेहतवास और टकरावदा के बीच पुलिया के पास में करीबन 06ः45 बजे शाम को पहुंचा तो वहां पर उसे गांव का कमल चौधरी मिला और उसने बताया कि चार अज्ञात व्यक्ति जिसमे एक ने लाल टी-शर्ट तथा काली पेंट एवं सिर पर सफेद कपड़ा बांधा एवं तीन व्यक्ति ने काले कपड़े पहने एवं उनके पास एक काले रंग की मोटर सायकल थी। इन चारों ने गोपाल व रामा को उनकी मोटर सायकल पर जबरन बैठाया और गोपाल की मोटर सायकल भी ले ली और चारों दुर्गापुरा तरफ गोपाल को मारने के लिए अपहरण करके ले गये हैं। उसे घटना बतायी तो वह अपनी मोटर सायकल पर कमल को बैठाकर दुर्गापुरा तरफ गया लेकिन उसे उसका भाई गोपाल और रामा एवं चारों अज्ञात व्यक्ति नहीं मिले। उन्होंने काफी आस-पास तलाश की और वह नहीं मिले। फरियादी द्वारा थाना बिरलाग्राम में उपस्थित होकर आरोपीगण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। आरोपी गण द्वारा फरियादी से 25,00,000 रुपए की फिरौती की मांग की गई थी फिरौती नहीं देने पर रामा और गोपाल को जान से मारने की धमकी दी गई थी, अनुसंधान के दौरान कुल 11 आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
दण्ड के प्रश्न पर आरोपीगण तथा उसके विद्धान अधिवक्ता को सुना गया। आरोपीगण के अधिवक्ता ने न्यायालय से निवेदन किया कि आरोपीगण पर उसका परिवार आश्रित है तथा उनके द्वारा 08 वर्षों से विचारण का सामना कर रहे हैं इसलिए न्यूनतम दंड से दंडित किये जाने का निवेदन न्यायालय से किया गया है। इसके विपरित शासन की ओर से उपस्थित अपर लोक अभियोजक ने अपराध को गंभीर प्रकृति का होना बताते हुए समुचित दंडादेश दिए जाने का निवेदन न्यायालय से किया है।
न्यायालय की टिप्पणी:- न्यायालय द्वारा टिप्पणी की गई कि आरोपीगण द्वारा अपहरण कर फिरौती की मांग की गई एवं न मिलने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी, आरोपीगण द्वारा किया गया कृत्य गंभरी प्रकृति का है। आरोपीगण सहानुभूति के पात्र नही है।
इस मामले में न्यायालय द्वारा हेमंत जैन, बाबू, शाहिद, भययू, शाजिद, आजाद और आरिफ को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया।
न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री रेवत सिंह ठाकुर अपर लोक अभियोजक, तहसील नागदा जिला उज्जैन द्वारा पैरवी की गई।