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सावन मास के पहले सोमवार पर उज्जैन में चहु और लगा जाम

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उज्जैन/ श्रावण मास के सोमवार को उज्जैन के अधिपति देव कालों के काल महाकाल अपनी प्रजा के हाल-चाल जानने के लिए शहर भ्रमण पर मन महेश्वर के स्वरूप में पालकी में विराजित हो कर निकले। सावन मास की प्रथम सवारी को लेकर जिला प्रशासन की ओर से पूर्व की तरह इंतजाम किए जाने का दावा किया गया था जोकि खोखला साबित हुआ। बाबा महाकाल की पालकी के शहर भ्रमण के दौरान शहर में जगह-जगह चक्का जाम देखने को मिला। जब पालकी महाकाल पहुंच गई उसके बाद तो हरि फाटक और बीच के चारों ओर के रास्ते पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई जिसके परिणाम स्वरूप जाम लगने से यह स्थिति देवास गेट बस स्टैंड तक देखने को मिली।
परंपरा अनुसार बाबा महाकाल की प्रथम सवारी मन महेश्वर के स्वरूप में आज नगर भ्रमण पर निकली। शहरवासियों ने अधिपति देव महाकाल राजा का नगर भ्रमण के दौरान पुष्प वर्षा कर स्वागत किया तथा पूजन आरती की। निर्धारित समय से कुछ विलंब से पालकी में विराजित मन महेश्वर स्वरूप में बाबा महाकाल की प्रथम सवारी आरंभ हुई इसके पूर्व महाकाल प्रबंध समिति के अध्यक्ष जिला कलेक्टर शशांक मिश्रा और जिले के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने पालकी का पूजन किया। बाबा की पालकी गुदरी चौराहा होते हुए पान दरीबा कहारवाडी से शिप्रा नदी पर पहुंची जहां पर परंपरा अनुसार बाबा महाकाल की पालकी का पूजन किया गया तत्पश्चात बाबा महाकाल की पालकी मुंबई वाले की धर्मशाला से होते हुए कार्तिक चौक सतनारायण मंदिर से ढाबा रोड के मुख्य मार्ग पर पहुंची यहां से छत्री चौक गोपाल मंदिर पटनी बाजार से होकर गुदरी होते हुए वापस महाकाल मंदिर पहुंची। सवारी मार्ग पर दोनों और आमजन बाबा के दर्शन हेतु जमा थे।

बहूरुपयों से श्रद्धालु हुए परेशान
बाबा महाकाल के नगर भ्रमण के दौरान महाकाल मंदिर परिसर के आसपास बड़ी संख्या में बाहर से आए हुए श्रद्धालुओं का जाम लगा हुआ था यह जाम बड़ा गणपति के समीप अन्न क्षेत्र तक से हरसिद्धि मंदिर तक बना हुआ था यहां पर कुछ स्वांग धरी बच्चों के द्वारा आम श्रद्धालुओं को अपनी बेजा हरकतों से परेशान किया जा रहा था।