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प्रदेश की राजनीति का एक और सूर्य अस्त देवास शाजापुर के पूर्व सांसद फूलचंद वर्मा का निधन

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आनंद जैन

इंदौर/ प्रदेश भाजपा को एक और बड़ी क्षति हुई है। जनसंघ के जमाने से भाजपा की नेतागिरी की शुरुआत करने वाले पूर्व सांसद फूलचंद वर्मा नहीं रहे। वे एक सामान्य से परिवार से ताल्लुक रखते थे। माना जाए कि उनकी निडरता, कर्म शीलता और राजनीति प्रदेश में मायने रखती थी। प्रदेश की राजनीति के साथ उन्होंने दिल्ली की राजनीति अटल जी,आडवाणी जी के साथ शुरू की थी। कई पुराने राजनीतिज्ञों के साथ दिल्ली तक मध्य प्रदेश परचम लेहराया था । सांसद के रूप में उन्होंने अजेय योद्धा की भूमिका निभाई। कई बार सांसद रह कर उन्होंने उज्जैन, देवास शाजापुर संसदीय सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की। इंदौर में बाणगंगा क्षेत्र में फूलचंद जी का निवास मात् स्मृति पर दूर-दूर से लोग अपनी परेशानियों को लेकर आते थे। बाबूजी के नाम से प्रसिद्ध फूलचंद जी वर्मा तुरंत फोन या चिट्ठी लिखकर लोगों की परेशानियां दूर कर देते थे। एमवाय में इलाज से लेकर लोगों के कामकाज की व्यवस्था तुरंत कर देते थे। सभी से आत्मीयता के साथ मिलने का उनका तरीका अलग ही था। किसी को भी परेशानी होने पर प्रशासनिक अधिकारियों को फोन लगाने में बिल्कुल हिचकिचाते नहीं थे। सिद्धांतों से कड़े रहने वाले बाबू जी अब शांत हो गए। पीछे एक भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए हैं। जिसमें पुत्र गोपाल वर्मा राजू वर्मा संतोष वर्मा,हैप्पी वर्मा, पूर्व विधायक राजेंद्र वर्मा है। पोते और पोती के साथ नाती और पंती भी है। मध्य प्रदेश की राजनीति में सबसे पुराने नामों में फूलचंद जी वर्मा का नाम आता था। उन्होंने जनसंघ के जमाने से राजनीति शुरू की थी। 1 मील में बाबू के रूप में काम करने वाले फूलचंद जी वर्मा राजनीति एक बड़े पुरोधा नेता के रूप में शामिल हो गए थे।उन्होंने मजदूरों की बात दमदारी के साथ हमेशा रखी। उनकी निडरता के कई किस्से है।सोनकच्छ विधानसभा से उनके छोटे पुत्र राजेन्द्र वर्मा ने दो बार विधायकी जीतकर राजनीति पंरपरा को आगे बढाया। माना जाए तो फूलचंद वर्मा जी ने मध्यप्रदेश की राजनीति को अलग ही पहचान दी थी। अब वे हमारे बीच नहीं है,लेकिन उनकी यादें हमेशा रहेगी।
देवास शाजापुर क़े पूर्व सांसद फूलचंद जी वर्मा का आज शाम क़ो मुंबई क़े कोकिला बेन अस्पताल मे निधन हो गया। वे सोनकच्छ के पूर्व विधायक राजेंद्र वर्मा क़े पिता थे। उनकी अंतिम यात्रा आज गुरुवार 17 नवंबर क़ो दोपहर 3 बजे उनके इंदौर के बाणगंगा स्थित निवास से निकल कर कुम्हार खड़ी मुक्तिधाम जाएगी। जहाँ अंतिम सस्कार होगा ।
सादर नमन….