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रामायण के विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से विवादों को निपटाने का प्रबंधन करें- डॉ जोशी

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वाणिज्य अध्ययनशाला द्वारा फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित

उज्जैन/ किसी बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रास्ते में आ रही छोटी-मोटी बाधाओं को स्वयं छोटा बनकर पृथक करें। विवादों के निपटारे का सर्वप्रथम मार्ग त्याग है। इस आशय से रामायण के विभिन्न प्रसंगों को जीवन में आत्मसात कर विवादों को निपटाने का प्रबंधन करें।
उक्त उद्गार कोर्पक्राफ्ट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सीएस डॉ. मनोज जोशी ने वाणिज्य अध्ययनशाला द्वारा विक्रम कीर्ति मंदिर में आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किए। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के पूर्व अध्यक्ष सीएस आशीष गर्ग ने कहा कि शिक्षक की महिमा आदिकाल से वर्तमान समय तक हमेशा महत्वपूर्ण रही है। राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण कार्यों की पूर्णाहुति शिक्षक के योगदान से ही संभव है शिक्षक ही वह व्यक्ति है जो समाज में क्रांति ला सकता है, बदलाव ला सकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडे ने कहा कि भारतीय कंपनी सचिव संस्थान द्वारा शैक्षणिक सामाजिक एवं कारपोरेट क्षेत्र में किए जा रहे कार्य निश्चय ही स्तुत्य है। इनके द्वारा तैयार किए गए कंपनी सेक्रेट्री एक पूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण है जो राष्ट्र की उत्तरोत्तर प्रगति में अहम भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं।

प्रारंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।अतिथियों का स्वागत डॉ. एस.के. मिश्रा, कार्यशाला संयोजक डॉ आशीष मेहता,सह- संयोजक डॉ. कायनात तवर, डॉ नागेश पाराशर,डॉ. टीना यादव,डॉ अनुभा गुप्ता, डॉ नेहा माथुर,, डॉ. परिमिता सिंह, डॉ नेहा वर्मा, डॉ निधि चौहान ने किया। स्वागत भाषण एवं विषय प्रवर्तन वाणिज्य अध्ययनशाला के कोऑर्डिनेटर डॉ.शैलेंद्र कुमार भारल ने व्यक्त किया। इस अवसर पर मालव माटी की परंपरा अनुसार अतिथियों का स्वागत कर प्रतीक चिन्ह प्रदान किए गए।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. रुचिका खंडेलवाल ने किया तथा आभार विभागाध्यक्ष डॉ. सत्येंद्र किशोर मिश्र ने व्यक्त किया।