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सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक स्तर पर मध्यस्थता केंद्रों की स्थापना बहुत उपयोगी – श्री जैन

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उज्जैन/16 जून। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर.के.वाणी के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उज्जैन में उज्जैन नगर के लगभग 15 विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों की एक बैठक का आयोजन प्राधिकरण के कार्यालय में किया गया। इस अवसर पर प्राधिकरण के सचिव/जिला न्यायाधीश श्विंद कुमार जैन के द्वारा उपस्थित प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए बताया कि सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक स्तर पर मध्यस्थता केंद्रों की स्थापना बहुत उपयोगी है। जैन के द्वारा यह भी बताया गया कि वर्तमान में न्यायालयों में पारिवारिक एवं संपत्ति के विवाद संबंधी प्रकरणों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिसमें समाज के व्यक्तियों का धन एवं समय बर्बाद होता है। वहीं दूसरी ओर सरकारों पर भी आर्थिक बोझ पड़ता है और सामाजिक माहौल बिगड़ता है। यदि प्राचीन समय की तरह पंच परमेश्वर की कल्पना को पुनः लागू किया जाता है तो उससे समाज का काफी भला होगा। सामुदायिक स्तर पर मध्यस्थता केंद्रों की स्थापना का उद्देश्य यही है कि जिस समुदाय के व्यक्तियों के मध्य यदि कोई विवाद उत्पन्न होता है तो प्राथमिक स्तर पर उसको समाज के प्रतिनिधियों के माध्यम से निपटाने का प्रयास करना चाहिए। न्यायालय में मुकदमेबाजी होने से परिवार बर्बाद हो जाते हैं और स्थायी दुश्मनी की लकीरें खिंच जाती है, जो एक अच्छे समाज के लिये घातक है।

जिला विधिक सहायता अधिकारी चंद्रेश मण्डलोई के द्वारा उपस्थित प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए बताया कि मध्यस्थता प्रक्रिया वर्तमान समय की एक आवश्यक प्रक्रिया है। न्यायालय में जो प्रकरण चल रहे हैं उनमें सभी न्यायाधीशगण मध्यस्थता या लोक अदालतों के माध्यम से निपटाने का प्रयास करते हैं और इन माध्यमों से प्रकरणों का निराकरण होने पर विवादों का स्थायी रूप से समाधान हो जाता है।

उक्त बैठक में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रवींद्र त्रिवेदी द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण की इस पहल का स्वागत किया गया। बार संघ के पूर्व अध्यक्ष योगेश व्यास ने नगर के सभी समुदायों के प्रतिनिधियों से इस दिशा में सार्थक पहल किये जाने का आव्हान किया। बैठक में विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों के द्वारा इस कार्ययोजना को अच्छा एवं बेहतर बनाने के संबंध में अपने-अपने सुझाव दिये। इस अवसर पर विभिन्न समाजों के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।