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पर्यावरण के रूपांतरण से ही मन का आनंद है- श्री नागर

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उज्जैन । विश्व पर्यावरण दिवस पर राज्य आनंद संस्थान उज्जैन टीम द्वारा रूपांतरण सामाजिक जनकल्याण समिति दशहरा मैदान पर आयोजित कार्यक्रम में पर्यावरण पर चर्चा -परिचर्चा एवं पौधा वितरण किया गया। इस अवसर पर शहर के कई प्रबुद्ध जन उपस्थित थे । शैलेंद्र व्यास स्वामी मुस्कुराके ने कहा कि मानव जीवन की मुस्कुराहट के लिए “वन” भी एवन चाहिए, ग्रामीण क्षेत्रों में हवा और शहरी क्षेत्रों में दवा का प्रभाव है। पृथ्वी, पानी और बयार ये सब जीवन के आधार है । एक पेड़ से 10 लाख माचिस की तिलियाँ बनती है, एक तिली से दस लाख पेड़ों का जीवन समाप्त हो जाता है, जल, जंगल, जमीन का सम्मान और ध्यान रखने से शांति आनंद का सूत्रपात होता है। पर्यावरण दिवस पर आनंद विभाग, रूपांतरण संस्था द्वारा आयोजित पर्यावरण संरक्षण परिचर्चा के अवसर पर निगम अपर आयुक्त आदित्य नागर ने कहा कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के कारण ही कोरोना की दूसरी लहर में हमने कई अपनों को खोया है, पर्यावरण के रूपांतरण से ही मन का आनंद है। समाजसेवी राजीव पाहवा ने हरे भरे पेड़ों की कटाई को पर्यावरण का सबसे बड़ा नुकसान बताया। आयोजन संयोजक डॉ. प्रवीण जोशी ने कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी बनती है एक नन्हें पौधें को पूरी जिम्मेदारी से पेड़ बनाया जाए। एक व्यक्ति एक जीवन में एक नन्हें पौधें को पेड़ बना दे। डॉ. अनामिका सोनी ने पर्यावरण जागरूकता पर प्रेरक गीत प्रस्तुत किया। पर्यावरण के प्रति अपने अनुभव, विचार वेधशाला अधीक्षक राजेंद्र गुप्त, प्रोफेसर सुमन जैन, वर्तिका जोशी श्रीमती मनीषा मिश्रा, दुर्गाशंकर सूर्यवंशी, अनोखीलाल शर्मा, जय श्री शर्मा, दीपक सोनी, भरत कुमावत, राजेश शर्मा, संतोष शर्मा, सीपी जोशी, विकास अरोण्या, रंजना मालवीय, जितेंद्र मालवीय और अंकित शर्मा ने साझा किया। भगवान सिंह आंजना तुलसी दास द्वितीय ने मीठा नीम एवम तुलसी के पौधों से अतिथि स्वागत किया। आभार आनंद विभाग जिला समन्वयक डॉ. प्रवीण जोशी ने माना।