अजय रायकावर
देवास/ अमलतास मेडिकल कॉलेज हमेशा किसी न किसी मुद्दे को लेकर सुर्खियों में बना रहता है। आज भी गर्ल्स नर्सिंग स्टूडेंट के द्वारा मेडिकल कॉलेज की ढुलमुल नीति और छात्र हित में ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर सड़क पर चक्का जाम जैसी घटना प्रकाश में आई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के संचालक भदोरिया पर छात्राओं पर दबाव डालने का भी आरोप लगने की जानकारी मिली है। वहीं छात्र हित में हमेशा अग्रसर रहने वाली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा छात्र-छात्राओं के इस आंदोलन को समर्थन भी दिया गया है जिससे कॉलेज परिसर और कॉलेज के बाहर माहौल गहमागहमी का बन गया। छात्र-छात्राओं के आंदोलन होने की जानकारी लगते ही प्रशासनिक अमला और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए जिनके द्वारा छात्र-छात्राओं से चर्चा करने के साथ ही कॉलेज प्रशासन से भी चर्चा की गई है।
बताते हैं कि यह घटना 17 जून की मध्य रात्रि की है देवास हाईवे पर बने गर्ल्स हॉस्टल में एक बदमाश धारदार हथियार लेकर घुस गया हो किसी नर्सिंग स्टूडेंट के साथ अश्लील हरकत करने का प्रयास किया। छात्रा के द्वारा अपने बचाव में चिल्ला पुकार करने से बदमाश हथियार लहराता हुआ वहां से फरार हो गया। घटना के बाद नर्सिंग कॉलेज की सभी स्टूडेंट आक्रोशित हो गई और उनका गुस्सा सुबह होते-होते अमलतास मेडिकल कॉलेज के संचालकों के समक्ष फुट पड़ा। इस घटना के बाद कॉलेज के प्रशासन के द्वारा छात्राओं को समझा बूझकर मामले को दबाने का प्रयास किया गया जिससे छात्रों ने आंदोलन आत्मक कदम उठाते हुए सड़क पर चक्का जाम कर दिया। मेडिकल कॉलेज की नर्सिंग स्टूडेंट के द्वारा इस घटनाक्रम को लेकर जब चक्का जाम किया गया तो यह जानकारी शहर में आग की तरह फैल गई। और इन्हें समर्थन देने के लिए विद्यार्थी परिषद ने मैदान संभाल लिया जिससे राजनीतिक माहौल गर्मा गया। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने समूचे घटनाक्रम को समझने के बाद कॉलेज प्रशासन से भी चर्चा की और गर्ल्स कॉलेज के कंपाउंड में लगे कैमरा के माध्यम से अज्ञात बदमाश के फुटेज निकालने का प्रयास किया है। प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस अधिकारियों के द्वारा आंदोलन छात्रों को आश्वासन दिया गया है कि शीघ्र ही आरोपी को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया जाएगा तब चक्का जाम खोला गया।
यह विदित रहे की पूर्व में डॉ रूपम जैन के द्वारा किसी स्टूडेंट के साथ अनेक कार्य किए जाने का मामला भी सुर्खियों में आया था। जिसे मेडिकल कॉलेज प्रशासन के द्वारा छात्राओं पर दबाव बनाकर डॉक्टर को निलंबित कर दिया था। कुल मिलाकर घटना के दोषी डॉक्टर को केवल नौकरी से हटकर कॉलेज प्रशासन ने अपने कर्तव्य की इति श्री की थी। जबकि होना तो यह चाहिए था कि दोषी डॉक्टर को पुलिस को सोपा जाना था। कुल मिलाकर इस तरह के अनेक मामले अमलतास मेडिकल कॉलेज के अब तक सामने आ चुके हैं सबसे बड़ी बात तो यह है कि कॉलेज के संचालक भदोरिया की कार्यशैली से भी कॉलेज से जुड़े असंतुष्ट नजर आते हैं। लेकिन भदोरिया के खिलाफ आवाज बुलंद नहीं कर पाते हैं।