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पुलिस बल पर हमला करने वालेे शातिर अपराधी को न्यायालय ने दी 03 वर्ष कारावास की सजा

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उज्जैन/ न्यायालय श्रीमान विवेक कुमार चंदेल, अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी आशीष पिता रमेशचन्द्र शर्मा उम्र 25 वर्ष निवासी तिरूपति धाम कानीपुरा जिला उज्जैन को धारा 353 भादवि एवं धारा 25 (1-बी)(ए) आयुध अधिनियम में आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 4000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

जिला अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र खाण्डेगर ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि 29जून2019 को आरक्षी केन्द्र चिमनगंजमंडी, उज्जैन में थाना प्रभारी, महाकाल अरविंद तोमर द्वारा इस आशय की सूचना दी गई कि वह थाना महाकाल, उज्जैन पर थाना प्रभारी के पद पर पदस्थ है। आज रात्रि में सेक्टर कोतवाली के महाकाल खाराकुआ एवं कोतवाली की गस्त चेकिंग में था। गश्त चेकिंग में इसी दौरान लगभग 04.00 बजे पुलिस अधीक्षक द्वारा यह सूचना दी गई कि मुखबीर ने बताया है कि थाना चिमनगंज, देवासगेट, नीलगंगा के अपराध में फरार आरोपी अनमोल पिता सुधाकर गर्जुर तिरूपतिधाम में मकान नं. 547 पर अपने साथी के यहां सो रहा है, मकान के पास ही निर्माणाधीन मकान है, जो थाना चिमनगंजमंडी क्षेत्र में कानीपुरा रोड़ के किनारे स्थित है तथा अनमोल की गिरफतारी हेतु निर्देश दिया गया तब मैं निरीक्षक मय शासकीय पिस्टल कारतूस सउनि बैस मय शासकीय पिस्टल कारतूस तथा आर आर 1651 मनीष, आर 177 भूपेन्द्र, आर 408 शेख अनवर तथा मय शासकीय वाहन एम.पी.3ए/1616 एवं चालक मंगलेश के सूचना की तस्दीक एवं कार्यवाही हेतु तिरूपति धाम फोर्स को उचित समझाईश देकर सर्कल से तिरूपति धाम रवाना होकर पहुंचा, टंकी के पास वाहन एवं चालक को खड़ा कर क्षेत्र की रैकी की निर्माणाधीन मकान के पास मकान नं. 547 नीले रंग का पुता पाया जो अंदर से बंद था फोर्स को आसपास फैलाकर दरवाजे को बजाया गया परन्तु कोई उत्तर नहीं मिला लगातार प्रयास करने के बाद भी उत्तर न मिलने पर दरवाजा खोलने हेतु बलपूर्वक दरवाजे को धक्का दिया तभी बाहर लगी जाली से देखा तो दो व्यक्ति मकान की छत परभागे जिन्हे ललकारा तो आसपास के मकान की छतों को कूदते हुए नीचे कूद गये जिन्हे भागकर पकड़ने का प्रयास किया तो आरोपी आशीष ने जिसका नाम बाद में पूछने पर बताया, फोर्स से करीब बीस गज दूर अपने साथी अनमोल का नाम लेते हुए बोला कि अनमोल आज पुलिस को फोड़ देते हैं इस पर अनमोल ने और आशीष ने अपनी अपनी पेंट की कमर फंसी पिस्टले निकालकर जान से मार डालने की नीयत से बल की ओर निशाना साधते हुए फायर कर दिया जो गोलियां उसके व हमराह फोर्स के पास से निकल गई। हमराल बल ने दोनो व्यक्तियों को दबोच लिया जिन्होने अपना नाम पूछने पर अपना नाम बाल अपचारी,आशीष पिता रमेशचन्द्र शर्मा, आयु 25 वर्ष, निवासी-तिरूपति धाम होना बताया तथा उसके द्वारा तत्काल बाल अपचारी तथा आशीष के हाथ में ली हुई देशी पिस्टल को अपने कब्जे में लिया। बाल अपचारी को देखा तो उसके दाहिने पैर, घुटने एवं एड़ी पर एवं बांये पैर पर चोट प्रतीत हो रही थी, जो उसने मकानों की छतों पर कूदने एवं मकान से सड़क पर कूदने से आना बताई। दोनों आरोपियों को शासकीय वाहन से लेकर तत्काल उचित उपचार हेतु सीएच गया जहां पर चोकी पर उपलब्ध बल की मदद से तत्काल घायल अपचारी का उपचार कराया, आशीष को कोई चोट नहीं पाई गई। बाद मय फोर्स तथा दोनों आरोपियों एवं दोनों के कब्जे में ली गई देशी पिस्टले दो के मय वाहन व चालक के चिमनगंज आया। आरोपीगण द्वारा अपनी गिरफतारी से बचने के लिये एकमत होकर शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करते हुए पुलिस को जान से मारने की नीयत से गोली चलाई। इस सूचना के आधार पर आरक्षी केन्द्र चिमनगंजमंडी में अपराध क्रमांक-695/2019 धारा 307, 353 भा.दं.वि. एवं आयुध अधिनियम धारा 25, 27 आयुध अधिनियम का अपराध अभियुक्तगण के विरूद्व पंजीबद्व किया गया।अनुसंधान के दौरान आरक्षी केन्द्र चिमनगंजमंडी द्वारा घटनास्थल का नक्शा मौका बनाया गया। घटनास्थल से काली कारतूस (खोखे) दो नग जप्त किये गये। फरियादी द्वारा दो पिस्तौल लाकर देने पर उन्हे जप्त किया गया। फरियादी तथा अन्य साक्षीगण के कथन लेख किये गये। अभियुक्तगण को गिरफतार किया गया। अभियुक्त आशीष के दाहिने हाथ की हथेली से लिये गये कैमिकल को भी सीलबंद किया गया। जिला दण्डाधिकारी, उज्जैन को पत्र लिखा जाकर अभियुक्तगण के विरूद्व अभियोजन चलाये जाने की अनुमति प्राप्त की गई। जप्तशुदा दोनो पिस्तौल जांच हेतु पुलिस अधीक्षक, उज्जैन के ड््राफ्ट द्वारा आर्म्स मोहर्रिर, उज्जैन को जांच हेतु भेजी जाकर प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। जप्तशुदा पिस्तौल एवं कारतूस के खोखे को राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, सागर को भेजा जाकर प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। विवेचना से अभियुक्तगण द्वारा भारतीय दण्ड विधान की धारा 307,353 एवं धारा 25 (1-बी)(ए) आयुध अधिनियम का अपराध कारित किया जाना प्रमाणित पाये जाने पर, अभियुक्त आशीष के विरूद्व अभियोग पत्र संबंधित माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा विचारण उपरान्त अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी आशीष को 03 वर्ष सश्रम कारावास एवं कुल 4000 रूपए से दण्डित किया गया।
प्रकरण में अभियोजन का संचालन पंकज जैन अपर लोक अभियोजक उज्जैन, द्वारा की गई।